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पटना हाईकोर्ट ने भागलपुर नगर निगम घोटाला मामले में मेयर समेत सभी संबंधित लोगों को भेजा नोटिस - पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

आरोप है कि मेयर के पति का टैंकर निगम में किराए पर रखा गया था. मेयर द्वारा निगम में ट्रेड लाइसेंस में घोटाला करने के साथ ही मजदूरों को किये जाने वाले भुगतान में भी घोटाला किया है. इस संबंध में मुख्य सचिव से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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Published : Oct 27, 2021, 7:30 AM IST

पटना: भागलपुर नगर निगम में हुए घोटाला की निष्पक्ष जांच के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने मेयर समेत सभी संबंधित लोगों को नोटिस कर जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने भागलपुर नगर निगम (Bhagalpur Municipal Corporation) के चार पार्षद, संजय कुमार सिन्हा व अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

इसे भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में 7 नए जजों ने ली पद और गोपनीयता की शपथ

कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार दास ने बताया कि भागलपुर नगर निगम में लंबे समय से घोटाला हो रहा है. मेयर ने अपने पति और जिला परिषद अध्यक्ष टुनटुन साह के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया है. उन्होंने बताया कि मेयर के पति के पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों का भुगतान निगम द्वारा किया जा रहा था.

इसे भी पढ़ें: महावीर मंदिर से जुड़े मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, DM के समक्ष अभ्यावेदन देने के निर्देश

इतना ही नहीं मेयर के पति का टैंकर निगम में किराए पर रखा गया था. मेयर द्वारा निगम में ट्रेड लाइसेंस में घोटाला करने के साथ ही मजदूरों को किये जाने वाले भुगतान में भी घोटाला किया है. इस संबंध में मुख्य सचिव से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग कोर्ट से की है. इस मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.

पटना: भागलपुर नगर निगम में हुए घोटाला की निष्पक्ष जांच के लिए दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने मेयर समेत सभी संबंधित लोगों को नोटिस कर जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने भागलपुर नगर निगम (Bhagalpur Municipal Corporation) के चार पार्षद, संजय कुमार सिन्हा व अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

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कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार दास ने बताया कि भागलपुर नगर निगम में लंबे समय से घोटाला हो रहा है. मेयर ने अपने पति और जिला परिषद अध्यक्ष टुनटुन साह के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया है. उन्होंने बताया कि मेयर के पति के पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों का भुगतान निगम द्वारा किया जा रहा था.

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इतना ही नहीं मेयर के पति का टैंकर निगम में किराए पर रखा गया था. मेयर द्वारा निगम में ट्रेड लाइसेंस में घोटाला करने के साथ ही मजदूरों को किये जाने वाले भुगतान में भी घोटाला किया है. इस संबंध में मुख्य सचिव से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग कोर्ट से की है. इस मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.

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