पटना: पटना हाईकोर्ट ने सीतामढ़ी जिला के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के ग्राम पंचायत गंगवारा बुज़ुर्ग में स्थानीय प्रशासन द्वारा एक कचरा प्रबंधन इकाई (डब्ल्यूपीयू) के निर्माण को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव राय ने याचिकाकर्ता सुरेंद्र राउत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जवाब देने के मोहलत दी. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी 2024 को होगी.
5 जनवरी को होगी सुनवाई: पिछली सुनवाई में पटना कोर्ट ने बिहार सरकार को बताने को कहा था कि क्या डब्ल्यूपीयू बनाने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति ली गई थी. याचिकाकर्ता सुरेंद्र राउत की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुमति के बिना इस डब्ल्यूपीयू का निर्माण नहीं कराया जा सकता है. यह मामला पूर्व से लंबित है. ऐसे में उसका निर्माण कार्य कैसे शुरू कर दिया गया.
घरों में रहना दुश्वार हो जाएगा: उन्होंने पटना हाईकोर्ट को बताया कि प्रस्तावित स्थल, जहां परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. वहां से करीब सौ फीट की दूरी पर सड़क के दोनों किनारे लगभग 50 परिवारों का घर है. ऐसे में आबादी वाले इस इलाके में कूड़ा-करकट हौद बनाए जाने से गंदगी और दुर्गंध के कारण इसके समीप बसे लोगों का अपने अपने घरों में रहना दुश्वार हो जाएगा.
लिखित तौर पर शिकायत : याचिका कर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि ग्रामीणों द्वारा इसको लेकर लिखित तौर पर शिकायत राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव, जिला पदाधिकारी, सीतामढ़ी, उपविकास आयुक्त, सीतामढ़ी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, रुन्नीसैदपुर एवं अंचल अधिकारी, रुन्नीसैदपुर को पूर्व में दी गयी थी. अबतक योजना के प्रस्तावित स्थान को नहीं बदले जाने से ग्रामवासी अपने वासस्थल के समीप कूड़ा-करकट हौज बनाए जाने के कारण तनाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
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