पटना: बिहार में शिक्षकों की बहाली में हुई गड़बड़ी मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. सरकार को जवाब देना है कि नियोजित शिक्षकों की बहाली में किस प्रकार से अनियमितता हुई. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की.
रंजीत पण्डित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि :
- लगभग साढ़े तीन लाख शिक्षक बहाल हुए, लेकिन उनमें 1.5 लाख टीचरों का फोल्डर अब तक नहीं मिला.
- फर्जी शिक्षकों से रुपए की अब तक रिकवरी भी नहीं हुई है.
- 1300 शिक्षकों के खिलाफ मामले दर्ज हुए लेकिन वे सब अभी सेवा बहाल हैं.
- अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद
अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद
इस सुनवाई में ये भी बताया गया कि हाईकोर्ट ने ही गलत तरीके से बने शिक्षकों राहत दी थी. कोर्ट ने फर्जी शिक्षकों को सर्टिफिकेट सौंप कर अपनी नौकरी छोड़ देने को कहा था. लेकिन इस आदेश पर किसी भी फर्जी शिक्षक ने अपना सर्टिफिकेट नहीं सौंपा. ये लोग नौकरी में बने रहे. इन सभी पर विजिलेंस की टीम ने जांच भी की, लेकिन ये जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी. इस कारण अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी.