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राज्य सरकार का कोर्ट में दावा- 'राजीव नगर और नेपाली नगर अतिक्रमण केस सुनवाई योग्य नहीं'

पटना के राजीव नगर और नेपाली नगर में चले अतिक्रमण हटाने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ये मामला सुनवाई के योग्य नहीं है. इस मामले में 11 अगस्त को फिर सुनवाई होगी. पढ़ें पूरी खबर-

राजीव नगर और नेपाली नगर
राजीव नगर और नेपाली नगर
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Published : Aug 4, 2022, 8:06 PM IST

पटना: हाईकोर्ट में पटना के राजीव नगर और नेपाली नगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामले पर सुनवाई अधूरी रही. जस्टिस संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) इस मामले पर सुनवाई कर रहे हैं. आज याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत किया गया. इससे पूर्व राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से भी कोर्ट में बहस किया गया. राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया था कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं. साथ ही उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता है.

ये भी पढ़ें- बिहार नगरपालिका एक्ट 2007 को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई टली

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड ने कोर्ट को बताया था कि इस स्थिति का लाभ उठा कर कुछ उस क्षेत्र में नए निर्माण करने लगे हैं. याचिकाकर्ता का पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इस क्षेत्र से इस तरह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सही नहीं है.

वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कहा कि को-ऑपरेटिव माफिया के साथ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस समस्या में इनकी भी बड़ी भागीदारी हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि लैण्ड सेटलमेंट स्कीम के तहत चार सौ एकड़ भूमि को अबतक घेरा नहीं गया है. इस मामले पर फिर सुनवाई 11अगस्त 2022 को होगी.

पटना: हाईकोर्ट में पटना के राजीव नगर और नेपाली नगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामले पर सुनवाई अधूरी रही. जस्टिस संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) इस मामले पर सुनवाई कर रहे हैं. आज याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत किया गया. इससे पूर्व राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से भी कोर्ट में बहस किया गया. राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने पक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया था कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं हैं. साथ ही उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता है.

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड ने कोर्ट को बताया था कि इस स्थिति का लाभ उठा कर कुछ उस क्षेत्र में नए निर्माण करने लगे हैं. याचिकाकर्ता का पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इस क्षेत्र से इस तरह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सही नहीं है.

वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कहा कि को-ऑपरेटिव माफिया के साथ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस समस्या में इनकी भी बड़ी भागीदारी हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि लैण्ड सेटलमेंट स्कीम के तहत चार सौ एकड़ भूमि को अबतक घेरा नहीं गया है. इस मामले पर फिर सुनवाई 11अगस्त 2022 को होगी.

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