पटनाः पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में करोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण हुए मौत के मामले में पीड़ित परिवारों को चार लाख रुपये या अधिसूचित मुआवजा की राशि मुहैया कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने श्याम चन्द्र चौधरी ऊर्फ कुणाल की जनहित याचिका पर सुनवाई की.
ये भी पढ़ें- भगवान भरोसे सिविल कोर्ट परिसर की सुरक्षा, झुनझुना बने 'हैंड मेटल डिटेक्टर'
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के समक्ष अभ्यावेदन दायर करने को कहा है. याचिका में कोरोना के कारण मृत लोगों का सही-सही आंकड़ा उपलब्ध कराने के आदेश देने का आग्रह किया गया था. वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी ने बताया कि आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 की धारा 12 के तहत निर्देश देने को लेकर याचिका दायर की गई थी.
याचिका में कहा गया है कि मार्च, 2020 में कोरोना का संक्रमण भारत में देखा गया. मार्च, 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर भारत में आई. अप्रैल 2021 से राज्यभर में बडी संख्या में लोगों की कोविड के कारण मौत हुई है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि अस्पताल में बेड की कमी, अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी, दवाओं की कमी, डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ की सरकारी अस्पताल में अनुपलब्धता व एम्बुलेंस की कमी रही. इस कारण बड़े पैमाने पर कोविड के रोगियों की मौत राज्य में हुई.
यह भी पढ़ें - पटना हाईकोर्ट को मिले 4 नए जज, अधिवक्ता कोटे से राष्ट्रपति ने किया नियुक्त
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का आंकड़ा विश्वास के योग्य नहीं है. साथ ही यह भी कहा गया है कि प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया आंकड़ा वास्तविक आंकड़े से बहुत कम है. राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 से मृत परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा की राशि उपलब्ध करवाने की घोषणा की जा चुकी है. लेकिन मुआवजा की राशि अभी तक नहीं दी गई है.
याचिकाकर्ता द्वारा याचिका में 1 अप्रेल, 2021 से 31 मई, 2021 तक कोविड कि वजह से राज्य के तेरह जिलों में मृतकों की एक सूची भी लगाई गई है. कोर्ट ने इस आदेश के साथ ही इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.