पटनाः पटना हाईकोर्ट (Patna Highcourt) ने बिहार में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से सबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को ये बताने के लिए कहा कि कितने आंकड़ों से संबंधित पोर्टल पर काम कर रहे हैं. साथ ही भी बताने को कहा है कि इनमें से कितने पोर्टल कोविड से संबंधित हैं.
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आंकड़ों को लेकर मांगा जवाब
कोर्ट ने जवाब मांगा है कि कोविड के मरीजों, कोरोना से हुई मौत और अन्य आंकड़ों को लेकर कितने पोर्टल काम कर रहे हैं, इन पोर्टल पर काम करने वाले लोगों की संख्या कितनी है. न्यायालाय ने सरकार से जानना चाहा है कि पोर्टल की जानकारियां सार्वजनिक रूप से साझा की जा रहीं हैं या नहीं. साथ ही साफ तौर पर पूछा है कि पोर्टल चलाने वाले कितने एक्सपर्ट लोग हैं?
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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तलब
अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ वेंटिलेटर की स्थिति को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभग के प्रधान सचिव से जवाब-तलब किया है. सचिव से उपलब्ध वेंटिलेटर, काम कर रहे वेंटिलेटर और नहीं काम कर रहे वेंटिलेटरों की संख्या की पूरी जानकारी मांगी गई है. इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जून को की जाएगी.
इकोनॉमिक्स व स्टेटिस्टिक्स के निदेशक ने दायर किया हलफनामा
आज इकोनॉमिक्स व स्टेटिस्टिक्स के निदेशक ने हलफनामा दायर कर जन्म और मृत्यु के निबंधन के बारे में ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि जनसंख्या और योजना बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सरकार व्यक्ति के जन्म व मृत्यु का निबंधन जन्म और मृत्यु अधिनियम-1969 के तहत करती है. इस तरह के निबंधन के लिए केंद्र और राज्य के स्तर पर व्यवस्था है.
वहीं, जन्म और मृत्यु से संबंधित इकोनॉमिक्स व स्टेटिस्टिक्स के पोर्टल पर पटना हाईकोर्ट ने असंतोष जताया. कोर्ट ने उन्हें फिर से हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. राज्य के IT सचिव संतोष कुमार ने कोर्ट को बताया कि वे नगर विकास विभाग के अधिकारियों, इकोनॉमिक्स और स्टेटिस्टिक्स के निदेशक व पंचायती राज के अधिकारियों के साथ बैठक कर अगली सुनवाई में एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे.