पटनाः बिहार की पटना हाइकोर्ट ने 64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा के उत्तर पुस्तिका में तथाकथित अंकों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए बिहार लोक सेवा आयोग को आदेश दिया है कि वह 3 हफ्ते के अंदर उन सभी उत्तर पुस्तिकाओं की सूची कोर्ट को प्रस्तुत करें, जिनमें कुल प्राप्तांक मुख्य परीक्षक द्वारा बढ़ाया या घटाया गया है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने की.
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उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ का आरोपः जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने संगीता कुमारी की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग को यह भी निर्देश दिया कि जिन अभ्यार्थियों का अंको को बढ़ाने या घटाने के कारण मुख्य परीक्षा को पास या फेल किया गया है, उनकी भी सूची कोर्ट में प्रस्तुत करें. याचिकाकर्ता के वकील हर्ष सिंह ने कोर्ट को बताया कि उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ के आरोपों का आयोग ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 26 जून,2023 को होगी.
पांच अंक से किया गया था फेलः आपको बता दें कि 64वीं बीपीएससी संयुक्त परीक्षा में याचिकाकर्ता को अपनी कैटेगरी के न्यूनतम कट ऑफ अंक से मात्र पांच अंक से फेल कर कर दिया गया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हर्ष सिंह ने पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि याचिकाकर्ता के जेनेरल स्टडीज के उत्तर पत्र में कई जगह मूल अंक को ओवर राइटिंग कर घटा दिया गया है. याचिकाकर्ता को सूचना के अधिकार के माध्यम से जब उत्तर पत्र की कापी मिली तो उसने पाया कि उसकी आंसर शीट में कई जगह ओवर राइटिंग कर पांच अंक कम कर दिया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से इस मामले कि निगरानी जांच की मांग की थी.
जून 2021 को घोषित हुआ था परिणामः बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग ने बीपीएससी 64वीं परीक्षा का रिजल्ट 21 जून 2021 को घोषित किया था. 24 विभागों के 1465 पदों पर नौकरी के लिए 4,71,581 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इस एग्जाम में ओम प्रकाश गुप्ता टापर बने थे. अब कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश दलील को मंजूर करते हुए बीपीएससी को एक हजार सफल और असफल उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है, ताकि कोर्ट देख सके कि उत्तर पुस्तिका में दिये गये नंबर में गड़बड़ी तो नहीं हुई है.