पटनाः फोर लेन पटना-गया-डोभी एनएच 83 (Patna Gaya Dobhi NH 83 construction) निर्माण मामले में आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, एनएचएआई के अधिकारी और एनएच निर्माण करने वाली कंपनी को सड़क निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस ने निर्माण के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा.
ये भी पढ़ेंः पटना हाईकोर्ट ने RBI के खिलाफ जताई सख्त नराजगी, जानें क्या है वजह
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए की जा रही कार्रवाई और उसमें आ रही समस्याओं का निरीक्षण कर 19 मई, 2022 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जिला प्रशासन को जिनका भूमि अधिग्रहण किया गया है, उन्हें मुआवजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में निर्माण कंपनी से कहा था कि कार्य करने की गति काफी धीमी है.
ये भी पढ़ेंः सहारा इंडिया: बोले निवेशक- 'नहीं होता और इंतजार, दिलवा दीजिए फंसे पैसे'
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि इस राष्टीय राजमार्ग का निर्माण तीन चरणों में होना है. पटना से जहानाबाद, जगनाबाद से गया और गया से डोभी तक होने वाली निर्माण कार्य धीमी प्रगति से चल रहा है. जबकि एनएचएआई की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निर्माण कार्य चल रहा है. कोर्ट का कहना था कि कई शिकायतें भी मिली हैं. सड़क निर्माण कार्य के लिए किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया, लेकिन उन्हें मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है. इसे जल्द से जल्द दूर किया जाए. मामले पर अगली सुनवाई 19 मई 2022 को होगी.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP