पटना: पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन (Patliputra Railway Station) तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक सड़क नहीं होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) में आज भी सुनवाई की गई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने भरत प्रसाद सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते सोमवार को कड़ा रुख अख्तियार किया था. नगर विकास विभाग और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सहित पटना के डीएम और दानापुर के डीआरएम को आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में हाजिर रहने का निर्देश दिया गया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वहां जा कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया है.
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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department), नगर विकास विभाग (Urban Development Department) के प्रधान सचिव व रेलवे के वरीय अधिकारियों की एक टीम गठन करने का निर्देश दिया था, जिसे वैकल्पिक रास्ते की संभावनाओं को तलाश कर कोर्ट को रिपोर्ट देनी थी. कोर्ट ने जानना चाहा कि इस मामले में पिछले तीन साल से कोर्ट आदेश पर आदेश जारी कर रहा है, लेकिन राज्य सरकार व रेलवे इसका ठोस निदान क्यों नहीं निकाल पा रहे हैं?
भरत प्रसाद सिंह ने यह जनहित याचिका दायर की है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए शहरी विकास विभाग और सड़क निर्माण के प्रधान सचिव को तलब किया था. इसके साथ ही मंगलवार की सुनवाई में पटना के डीएम और दानापुर के डीआरएम भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहने का निर्देश दिया था.
कोर्ट ने यह बताने को कहा कि पाटलिपुत्र रेल स्टेशन बनने के इतने दिनों बाद भी वहां पहुंचने के लिए सभी ओर सड़क निर्माण क्यों नहीं हो पाया. आज कोर्ट ने राज्य सरकार के सड़क निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव और रेल विभाग के वरीय अधिकारियों को वहां जा कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. वहां स्टेशन तक पहुंचने के लिए सड़कों की स्थिति पर रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश करने को कहा गया है.
पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन चालू तो हो गया, लेकिन नागरिकों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाया है. साथ ही अब तक स्टेशन तक पहुंचने के लिए सही ढंग से सड़क नहीं बन पाई है,जिससे यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने में काफी कठिनाई होती है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.