पटना : बिहार के पटना हाईकोर्ट ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय से संबद्ध देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री महाविद्यालय, गड़खा के अनुदान मामले में कुलसचिव को शपथ-पत्र के माध्यम से उनके पदस्थापित होने से वर्तमान तिथि तक सभी वित्तीय लेन -देन का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष जेपी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. फारुक अली एवं कुलसचिव डा. रणजीत कुमार उपस्थित हुए.
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अनुदान की राशि वितरित करने का मामला : ये मामला कुलसचिव डा. रणजीत कुमार द्वारा सेवा से बर्खास्त शिक्षक अर्जुन प्रसाद यादव को उक्त महाविद्यालय के प्रशासनिक एवं गैर वित्तीय कार्यों की देखरेख के लिए अधिकृत करने से संबंधित है. पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पारित करने के बाद भी कुलसचिव ने एक दिन में अनुदान की लगभग छह करोड़ रुपये की राशि वैसे लोगों के बीच वितरित कर दी, जो कॉलेज के नियमित शिक्षक नहीं हैं.
14 सितंबर को होगी अगली सुनवाई : कोर्ट में उपस्थित कुलपति ने कोर्ट को बताया कि कुलसचिव किसी भी वित्तीय मामले में उनसे सहमति नहीं लेते हैं. साथ ही अपने पद का दुरूपयोग करते हैं. इस कॉलेज के सम्बन्ध में जो चेक निर्गत किया गया है, उसमें कुलपति ने कभी सहमति नहीं दी. इस मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर,2023 को होगी. बता दें कि 2020 में भी काॅलेज के प्रभारी प्रचार्य ने तत्कालीन कुलसचिव पर काॅलेज की आंतरिक स्रोत से राशि निकासी का आरोप लगाया था.
बता दें कि देवराहा बाबा श्रीधर काॅलेज का विवादों से पुराना नाता रहा है. यहां पहले भी आंतरिक स्रोत से राशि निकासी का मामला सामने आया है. इस बाबत हाईकोर्ट के आदेश से आंतरिक स्रोत के खाते से किसी भी प्रकार की निकासी पर रोक भी लग चुकी है.