पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को डिग्री निर्गत करने में हो रहे विलम्ब के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने विवेक राज की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य के सभी सम्बंधित विश्वविद्यालयों को परीक्षा नियंत्रकों के माध्यम से कार्रवाई रिपोर्ट तीन सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
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HC ने जुर्माने तक की कही थी बात : कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि तीन सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत किया गया, तो अगली सुनवाई में सम्बन्धित अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होना होगा. इसमें पटना विश्वाविद्यालय शामिल नहीं है. इससे पूर्व की सुनवाइयों में कोर्ट ने काफी सख्त रुख अपनाया था. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जो कुलपति हलफनामा दायर नहीं करेंगे, उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. ये धनराशि उनके व्यक्तिगत वेतन से काटा जाएगा.
'छात्रों के भविष्य पर भी बुरा असर' : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शाश्वत ने बताया कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों की परीक्षा ली जाती है. एक तो इन विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र विलम्ब से चल रहे हैं, परीक्षाएं भी निर्धारित समय पर नहीं ली जा रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि परीक्षाएं लेने और रिजल्ट देने के बाद भी ये विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को डिग्रियां देने में विलम्ब करते हैं. इससे जहां छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, वहीं इन छात्रों के भविष्य पर भी बुरा असर पड़ता है.
समय पर डिग्री उपलब्ध कराए विश्वविद्यालय : विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों में डिग्री मांगी जाती है. लेकिन डिग्री नहीं होने के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश या नौकरियों से वंचित रह जाना पड़ता है. इसलिए ये आवश्यक है कि छात्रों को सम्बंधित विश्वविद्यालय प्रशासन समय पर डिग्री उपलब्ध कराए. इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह के बाद जाएगी.