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गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने NHAI को 19 जनवरी तक की दी मोहलत

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने एनएचएएआई को स्थिति स्पष्ट करने के लिए 19 जनवरी 2024 तक के लिए मोहलत दी. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने प्रतिज्ञान नामक संस्था द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. पढ़े पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 15, 2023, 10:56 PM IST

पटना: पटना गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने प्रतिज्ञान नामक संस्था द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने एनएचएएआई को स्थिति स्पष्ट करने के लिए 19 जनवरी 2024 तक के लिए मोहलत दी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गया और जहानाबाद जिले के डीएम को निर्देश दिया था कि सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करें. इससे पूर्व एनएचएआई ने हलफनामा दायर कर धनराशि व्यय किये जाने का ब्यौरा डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडर के अधिकारियों को दे दिया था.

गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण मामले पर सुनवाई: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि सड़क निर्माण का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन लिंक रोड नहीं बनने के कारण वहां लोगों का आवागमन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि जितने दूर तक सड़क निर्माण हो चुका है. उतने दूर तक आवागमन की व्यवस्था कर दी जाये. पिछली सुनवाईयों में कोर्ट ने एनएच सड़क निर्माण करने वाली कंपनी को हलफनामा दायर कर बताने को कहा था कि इस एनएच खंड का कार्य कब तक पूरा होगा.

NHI को कोर्ट ने दी मोहलत: कोर्ट ने इस एनएच का निर्माण कर रही कंपनी को फेज 1, फेज 2 और फेज 3 में किये जा रहे कार्यों का प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. पूर्व की सुनवाई में भी कोर्ट ने निर्माण कम्पनियों को बताने को कहा था कि इसका निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा. उस समय कोर्ट को ये आश्वासन दिया गया था कि 30 जून 2023 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जायेगा, लेकिन अभी भी निर्माण कार्य चल ही रहा है.

19 जनवरी को होगी अगली सुनवाई: पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि पटना के समीप नाथूपुरा और सरिस्ताबाद के बीच सड़क निर्माण के लिए नये सिरे से टेंडर 11 जुलाई 2023 को जारी किया जायेगा. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि जिस गति से काम किया जा रहा है. ऐसे में तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा होना कठिन है.उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के लिए संसाधनों और कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जनवरी, 2024 को की जाएगी.

पटना: पटना गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने प्रतिज्ञान नामक संस्था द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने एनएचएएआई को स्थिति स्पष्ट करने के लिए 19 जनवरी 2024 तक के लिए मोहलत दी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गया और जहानाबाद जिले के डीएम को निर्देश दिया था कि सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करें. इससे पूर्व एनएचएआई ने हलफनामा दायर कर धनराशि व्यय किये जाने का ब्यौरा डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडर के अधिकारियों को दे दिया था.

गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण मामले पर सुनवाई: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि सड़क निर्माण का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन लिंक रोड नहीं बनने के कारण वहां लोगों का आवागमन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि जितने दूर तक सड़क निर्माण हो चुका है. उतने दूर तक आवागमन की व्यवस्था कर दी जाये. पिछली सुनवाईयों में कोर्ट ने एनएच सड़क निर्माण करने वाली कंपनी को हलफनामा दायर कर बताने को कहा था कि इस एनएच खंड का कार्य कब तक पूरा होगा.

NHI को कोर्ट ने दी मोहलत: कोर्ट ने इस एनएच का निर्माण कर रही कंपनी को फेज 1, फेज 2 और फेज 3 में किये जा रहे कार्यों का प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. पूर्व की सुनवाई में भी कोर्ट ने निर्माण कम्पनियों को बताने को कहा था कि इसका निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा. उस समय कोर्ट को ये आश्वासन दिया गया था कि 30 जून 2023 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जायेगा, लेकिन अभी भी निर्माण कार्य चल ही रहा है.

19 जनवरी को होगी अगली सुनवाई: पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि पटना के समीप नाथूपुरा और सरिस्ताबाद के बीच सड़क निर्माण के लिए नये सिरे से टेंडर 11 जुलाई 2023 को जारी किया जायेगा. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि जिस गति से काम किया जा रहा है. ऐसे में तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा होना कठिन है.उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के लिए संसाधनों और कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जनवरी, 2024 को की जाएगी.

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