ETV Bharat / state

पटना गाय घाट शेल्टर होम मामले की जांच 4 सप्ताह में की जाएगी पूरी, सरकार ने कोर्ट को दी जानकारी

author img

By

Published : Apr 6, 2022, 6:02 PM IST

गाय घाट शेल्टर होम मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing In Patna High Court) के दौरान सरकार द्वारा कोर्ट को बताया गया कि इस मामले की जांच 4 सप्ताह में पूरी हो जाएगी. मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. पढ़ें पूरी खबर..

Patna High Court
Patna High Court

पटनाः गाय घाट शेल्टर होम मामले (Gai Ghat Shelter Home case) को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ को जानकारी दी कि इस मामले की जांच 4 सप्ताह में पूरी हो जाएगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस अनुसंधान को डीएसपी रैंक की महिला पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया था. इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

ये भी पढ़ेंः बिहार के सभी शेल्टर होम की जांच पटना HC के सुपरविजन में कराने की मांग

राज्य सरकार द्वारा इस मामलें की जांच 4 सप्ताह में पूरी कर कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट को यह भी कहना था कि बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी अगर जरूरत हो तो पीड़िता को मदद उपलब्ध करवाए. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को अपने अपने हलफनामा को रिकॉर्ड पर लाने को भी कहा था, जिसमें पीड़िता द्वारा 4 फरवरी, 2022 का बयान भी शामिल हो.

यह भी पढ़ें - गायघाट शेल्टर होम केस में पटना HC ने लिया स्वतः संज्ञान, केस किया रजिस्टर्ड

राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों पीड़ितों की ओर से महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज हो गई है. पीड़िता की संबंधित अधिकारियों के समक्ष जांच भी की गई. महाधिवक्ता ने पीड़िता द्वारा दिये गए बयान के उद्देश्य पर संदेह भी जताया है. उनका कहना था कि पीड़िता ने केअर होम को वर्ष 2021 के अगस्त महीने में ही छोड़ दिया था, लेकिन वह पहली बार जनवरी, 2022 में आरोप लगा रही हैं.

ये भी पढ़ें- बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर जल्द बनेगी फिल्म, 'नफीसा' में दिखेगी शेल्टर होम की सच्चाई!

हाईकोर्ट इस मामले की स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाईकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है. कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं. कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया था. केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं वास करती हैं. इस मामलें पर चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी.

आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद अब राजधानी पटना का गायघाट शेल्टर होम भी विवादों के घेरे में है. दरअसल बीते फरवरी महीने में आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्थित गुलजारबाग उत्तर रक्षा महिला गृह से निकलकर एक युवती ने महिला शेल्टर होम के अधीक्षिका बंदना गुप्ता पर सनसनीखेज आरोप लगाया था. युवती महिला शेल्टर होम से बाहर आने के बाद सीधे महिला थाने में पहुंची थी, जहां उसने कई राज खोले थे. युवती ने बताया था कि गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका बंदना गुप्ता द्वारा सवासिनों को नशे की सुई देकर गलत काम करने पर मजबूर किया जाता है. इसी मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में चल रही है. जिस पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटनाः गाय घाट शेल्टर होम मामले (Gai Ghat Shelter Home case) को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ को जानकारी दी कि इस मामले की जांच 4 सप्ताह में पूरी हो जाएगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस अनुसंधान को डीएसपी रैंक की महिला पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया था. इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

ये भी पढ़ेंः बिहार के सभी शेल्टर होम की जांच पटना HC के सुपरविजन में कराने की मांग

राज्य सरकार द्वारा इस मामलें की जांच 4 सप्ताह में पूरी कर कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट को यह भी कहना था कि बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी अगर जरूरत हो तो पीड़िता को मदद उपलब्ध करवाए. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को अपने अपने हलफनामा को रिकॉर्ड पर लाने को भी कहा था, जिसमें पीड़िता द्वारा 4 फरवरी, 2022 का बयान भी शामिल हो.

यह भी पढ़ें - गायघाट शेल्टर होम केस में पटना HC ने लिया स्वतः संज्ञान, केस किया रजिस्टर्ड

राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों पीड़ितों की ओर से महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज हो गई है. पीड़िता की संबंधित अधिकारियों के समक्ष जांच भी की गई. महाधिवक्ता ने पीड़िता द्वारा दिये गए बयान के उद्देश्य पर संदेह भी जताया है. उनका कहना था कि पीड़िता ने केअर होम को वर्ष 2021 के अगस्त महीने में ही छोड़ दिया था, लेकिन वह पहली बार जनवरी, 2022 में आरोप लगा रही हैं.

ये भी पढ़ें- बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर जल्द बनेगी फिल्म, 'नफीसा' में दिखेगी शेल्टर होम की सच्चाई!

हाईकोर्ट इस मामले की स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाईकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है. कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं. कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया था. केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं वास करती हैं. इस मामलें पर चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी.

आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद अब राजधानी पटना का गायघाट शेल्टर होम भी विवादों के घेरे में है. दरअसल बीते फरवरी महीने में आलमगंज थाना क्षेत्र के गायघाट स्थित गुलजारबाग उत्तर रक्षा महिला गृह से निकलकर एक युवती ने महिला शेल्टर होम के अधीक्षिका बंदना गुप्ता पर सनसनीखेज आरोप लगाया था. युवती महिला शेल्टर होम से बाहर आने के बाद सीधे महिला थाने में पहुंची थी, जहां उसने कई राज खोले थे. युवती ने बताया था कि गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका बंदना गुप्ता द्वारा सवासिनों को नशे की सुई देकर गलत काम करने पर मजबूर किया जाता है. इसी मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में चल रही है. जिस पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.