पटना: राजधानी पटना में स्थित पीएमसीएच में पड़ी डायलिसिस मशीनों के चालू नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (Hearing in Patna High Court) की. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वास्त किया गया कि जल्दी ही पीएमसीएच में डायलिसिस मशीन को चालू करने की कार्यवाही की जाएगी.
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पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: विकास चन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस मामलें में एक सप्ताह में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पीएमसीएच के अधीक्षक को ये बताने को कहा कि इस समस्या का समाधान किस प्रकार होगा.
आज कोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अमृत प्रत्यय भी उपस्थित थे. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच में 31 डायलिसिस मशीन खरीदे गए, लेकिन डॉक्टर और टेक्निशयन के नहीं होने के कारण इन मशीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि एक मशीन की कीमत लगभग बारह लाख रुपया है.
अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि इन मशीनों के चालू नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन का दुरपयोग हुआ है, वहीं मरीजों और उनके घरवालों पर प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज कराने पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई, लेकिन वे बाद में दूसरे जगह भेजे गए.
अधिवक्ता ने बताया कि नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का सही ढंग से ईलाज नहीं हो रहा है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त टिपण्णी करते हुए कहा था कि अगर नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं काम कर रहा है, तो न्यायिक आदेश से कोर्ट बंद कर इन मशीनों को दूसरे अस्पताल में भेज देगा. इस मामलें पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी.
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