पटना: बिहार में स्वास्थ्य सेवा से लेकर शिक्षा व्यवस्था की खामी की खबर रोज छपती है. लेकिन तस्वीर नहीं बदलती है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार में जन-कल्याण से सीधे जुड़े स्वास्थ्य विभाग की हालत बद से बदतर हो गई है.
यह भी पढ़ेंः लापरवाही की हद! एक कमरा और जमीन पर 14 महिलाएं.. बिहार के अस्पताल में ऐसे हुआ बंध्याकरण ऑपरेशन
तेजस्वी यादव के पास छह विभागः सुशील मोदी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य समेत छह प्रमुख विभागों का मंत्री बना दिया है. वे किसी विभाग को वक्त नहीं दे पा रहे हैं. उनके पास फुर्सत नहीं है और तकलीफ जनता को झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने 60 दिन में जिला अस्पतालों को सुधार पाये और न उन 705 डॉक्टरों पर ही कोई कार्रवाई हुई, जिन्हें कई साल से "गायब" बताया गया है.
मरीज भगवान भरोसेः बीजेपी सांसद ने सवाल किया कि सरकारी अस्पतालों से गायब डाॅक्टरों को अब तक वेतन कैसे मिल रहा है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से यह भी पूछा कि सभी राशनकार्डधारी मरीजों को पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त देने की जो घोषणा की गई थी, उसका क्या हुआ. सुशील मोदी ने कहा कि जब डेंगू का प्रकोप चरम पर था तब तेजस्वी यादव ने औचक निरीक्षण कर एक डॉक्टर को सस्पेंड किया था लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा तक नहीं की. अब मरीज भगवान भरोसे छोड़ दिये गए हैं.
इसे भी पढ़ेंः बिना बेहोश बंध्याकरण का मामले में NGO की सेवा रद्द- 'अपराध की क्वालिटी और क्वांटिटी' के हिसाब से सीएस देंगे दंड
वादा हवा-हवाईः भाजपा सांसद ने कहा कि खगड़िया में बिना एनेस्थीसिया दिये महिला का बन्ध्याकरण ऑपरेशन किया जाना स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता और दुर्दशा, दोनों की गंभीरता बताने के लिए काफी है. उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में दवा, जांच, डाॅक्टर की उपलब्धता जैसी बुनियादी सुविधाओं को दो माह में ठीक करने का वादा हवा-हवाई ही साबित हुआ.