पटना: कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) के संक्रमण से बचाने के लिए बिहार सरकार (Health Department) लगातार युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि तीसरी लहर की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. ऑक्सीजन की किल्लत न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दावा किया है कि कोरोना के दूसरे लहर में जिस तरह अप्रैल के प्रथम सप्ताह में बिहार में ऑक्सीजन लिक्विड गैस की मांग बढ़ी हमने केंद्र सरकार की मदद से इसे पूरा किया था. वैसे ही तीसरी लहर में भी तमाम चीजों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
अप्रैल के प्रथम सप्ताह में 16 मेट्रिक टन ऑक्सीजन गैस की खपत थी जो बढ़कर अप्रैल के अंतिम सप्ताह 232 मेट्रिक टन हो गया जिसे हमने केंद्र सरकार की मदद से पूरा करने का काम किया था. बिहार सरकार ने तीसरी लहर की भी तैयारी पूरी कर ली है. मुख्य रूप से ऑक्सीजन को लेकर हमने तैयारी की है और पूरे बिहार में 122 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे है जो अगस्त के अंतिम सप्ताह तक सभी जगह लग जायेगा.- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
मंगल पांडे ने बताया कि इसके आलावे राज्य के 10 मेडिकल कॉलेज में क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक भी लगाये जा रहे है जिसमे लिक्विड ऑक्सिजन का भंडारण किया जाएगा और छोटे अस्पतालों में इसका सप्लाई किया जाएगा. ऑक्सीजन बेड की संख्या भी बढ़ाए जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने दावा किया कि अब बिहार के लोगों को सरकारी अस्पताल में बेड की कमी नहीं होगी. प्रयास किया जा रहा है कि स्वास्थ्य सुविधा की जब भी जरूरत लोगों को हो उसे पूरा किया जा सके. इसको लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है.
बता दें कि दूसरी लहर से सबक सीखते हुए सरकार ने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी बुनियादी ढांचे और उपकरणों की व्यवस्था करना शुरू कर दिया है. जिससे एक भी मरीज को परेशानी नहीं हो. 24 घंटे ऑक्सिजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी अस्पतालों में क्रायोजेनिक ऑक्सिजन टैंक लगाए जा रहे हैं.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने राज्य के सभी 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में 2000 से 5000 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता के ऑक्सिजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करना शुरू कर दिया है. एम्स पटना को ऐसा एक प्लांट पहले ही मिल चुका है. विभिन्न अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सिजन पाइपलाइन भी लगाई जा रही है. उद्योग विभाग पहले ही आठ अस्पतालों में ऑक्सिजन रिफिलिंग प्लांट लगा चुका है और और सूबे के और अस्पतालों में ऐसे प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है.