पटना: बिहार के 12 जिले ऐसे हैं, जहां चमकी बुखार हर साल कहर बरपाता है. सैकड़ों मासूम मौत के मुंह में समा जाते हैं. इस बार कोरोना वायरस से जारी लड़ाई के बीच स्वास्थ्य विभाग ने चमकी बुखार से निपटने के लिए भी मुकम्मल तैयारी का दावा किया है.
60 बेड का इंसेफेलाइटिस वार्ड तैयार
चमकी बुखार हर साल बिहार में कहर बरपाता है. मई-जून के महीने में सैकड़ों बच्चे मौत के आगोश में चले जाते हैं. सरकार ने लॉकडाउन के बीच चमकी बुखार से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. इसको लेकर मुजफ्फरपुर में 60 बेड का वार्ड बनकर तैयार है.
स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि 12 जिलों में होने वाले चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. 12 जिलों के अंतर्गत 366 स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी तैयारी की गई है. उन्होंने कहा कि साल 2018 में बने एसओपी के अनुरूप चिकित्सक कर्मियों के प्रशिक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है. साथ ही आवश्यक उपकरण और दवाइयों को उपलब्ध करा दिया गया है.
'पीकू अस्पताल का निर्माण पूरा'
मंगल पांडे ने आगे कहा कि एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर के अंदर 60 बेड का नया वार्ड बनकर तैयार है. वहीं, नए पीकू अस्पताल निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले 18 एंबुलेंस विशेष तौर पर एईएस प्रभावित जिलों के लिए भेजे गए हैं. 28 एंबुलेंस शनिवार को भेजे जाने हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 12 जिलों के 366 स्वास्थ्य संस्थानों के लिए 747 एआईएस किट जो विशेष तौर पर बनाए गए हैं. उन्हें भेजा जा रहा है. किट में 11 प्रकार के उपकरण शामिल हैं.