पटनाः देश-दुनिया सहित बिहार में कोरोना संक्रमण (Corna And Omicron In Bihar) के साथ ओमीक्रोन के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे हैं. ओमीक्रोन की संक्रामकता दर अधिक होने के कारण स्वास्थ्य महकमे के साथ लोग भी चिंता में हैं. लिहाजा, इसे लेकर केन्द्र और राज्य स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey On genome sequencing Expense) ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने को लेकर सरकार लगातार काम कर रही है.
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"कोरोना से लड़ाई में खर्च क्या होता है यह सरकार के लिए मायने रखता है. मायने यह रखता है कि हम लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा कैसे दें. इसलिए स्वाभाविक है कि जब भी कोई नए प्रकार की जांच होती है तो वो महंगी होती है. ये (जीनोम सिक्वेंसिंग) अलग प्रकार की जांच है. आईजीआईएमस में हम लोगों ने इसकी व्यवस्था की है. जो भी खर्च आएगा वह सेकंडरी है. प्राइमरी यह है कि हम लोगों को सुविधा दें. जो भी हम सुविधा दे रहे हैं वह देश के गिने-चुने राज्यों में से एक है. इसका सारा खर्च राज्य सरकार उठा रही है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन की जांच को लेकर पटना के आईजीआईएमस में लैब बनाया गया है. यह बिहार का इकलौता लैब है, जहां जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए नए वैरिएंट का पता लगाया जा सकता है. बता दें कि बीते रविवार को इस लैब में जांच किए गए 32 सैंपलों में 27 लोग कोविड संक्रमित पाए गए थे. यह आंकड़ा जांच किए गए कुल सैंपलों का 85 फीसदी है.
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हालांकि, आईआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया था इसके संक्रमण की रफ्तार भले ही तेज हो, लेकिन लंग्स तक प्रभाव नहीं पहुंचना राहत की बात है. उन्होंने ओमीक्रोन को वायरल डिजीज के जैसा ही बताया था. जिसका इलाज सिर्फ एन्टी एलर्जी दवा से किया जाता है. लोगों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि संक्रमण की स्थिति में लोग ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी का उपयोग करें. गर्म दूध पिएं और गर्म खाद्य पदार्थ ही खाएं.
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