पटना: बिहार में कोरोना के खतरे के बाद चमकी बुखार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. स्वास्थ्य विभाग संभावित खतरे को लेकर गंभीर है. उच्च स्तरीय बैठक के बाद संभावित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि चमकी बुखार के खतरे से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.
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हीट वेव प्रभावित जिलों को किया गया अलर्ट
बिहार के कुछ जिले चमकी बुखार से हर साल प्रभावित होते हैं. मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, समस्तीपुर, सारण, सिवान, गोपालगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद और नालंदा जिले में चमकी बुखार हर साल बच्चों को अपनी चपेट में लेता है. स्वास्थ्य विभाग संभावित खतरे को लेकर फरवरी माह से ही तैयारियों में जुट जाती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिया है.
खतरे से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार
गर्मी के मौसम में चमकी बुखार, जेई (मस्तिष्क ज्वर), हीटवेव और कालाजार को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की गई. स्वास्थ्य विभाग को संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा "चमकी बुखार प्रभावित इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. जनवरी-फरवरी महीने से ही स्वास्थ विभाग तैयारियों में जुट जाती है."
"चमकी बुखार से निपटने के लिए कर्मियों को वर्चुअल ट्रेनिंग दिया गया है. इसके अलावा बच्चे कुपोषित न हो इसका भी ख्याल रखा जाता है. अस्पतालों को दवा उपलब्ध करा दी गई है. संभावित खतरों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री
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