पटना: राजधानी में पिछले महीने बाजार समिति समेत कई स्थानों पर कौओं की मरने की सूचना से जिले के लोग बर्ड फ्लू को लेकर भयभीत हैं. वहीं, मामले में सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में कौवों की मौत बर्ड फ्लू या अन्य किसी घातक बीमारी से नहीं हुई है. शहर में मरे कौवों के सैंपल के रिपोर्ट कोलकाता लैब से आए थे जिसमें इसकी पुष्टि नहीं हुई. फिलहाल जिले से बर्ड फ्लू का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है. हालांकि, विभिन्न जिलों में 6 स्वाइन फ्लू के मरीज जरूर पाए गए हैं.
'कोरोना वायरस को रोकने में लगा पूरा स्वास्थ्य तंत्र'
राजकिशोर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब मरे हुए कौवों की जांच की तो उसमें भी बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं पाए गए. बता दें कि उन्होंने स्वाइन फ्लू के मरीजों के पाए जाने के खबर की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के इनफेक्टेड लोगों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी दवा दे दी गई है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने को लेकर पूरा स्वास्थ्य तंत्र लगा हुआ है.
'स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध लोगों की कर रही है मॉनिटरिंग'
सिविल सर्जन ने बताया कि स्पष्ट हो चुका है कि भारत में कोरोना थर्ड स्टेज पर पहुंच गया है या पहुंचने ही वाला होगा. इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग लगातार विदेश से आए हुए लोगों की स्क्रीनिंग कराने के बाद ही उन्हें घर जाने की इजाजत देने का काम कर रहा है. साथ ही आईडीएसपी डिपार्टमेंट इसको लेकर काफी एक्टिव है. स्वास्थ्य विभाग होम मॉनेटरिंग में शामिल लोगों की कंडीशन 14 दिनों तक मॉनिटर करने के साथ ही जरूरत पड़ने पर उनके घर जाकर उनकी जांच भी की जा रही है.