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बॉर्डर पर खोले जाएंगे शिविर, CM नीतीश खुद करेंगे इसकी निगरानी

बिहार सरकार ने फैसला किया है कि राज्य से लगने वाली सीमाओं पर सीमांचल आपदा राहत केंद्र बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बनाए केंद्र बनाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इन केंद्रों की व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे.

सीएम नीतीश
सीएम नीतीश
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Published : Mar 29, 2020, 12:09 PM IST

पटना: बिहार में विदेशों से आए लोगों की एक बार फिर जांच की जाएगी. पिछले एक महीने के दौरान विदेश से आए लोगों को चिह्नित किया जा चुका है और वे फिलहाल क्वारांटाइन हैं.

बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शनिवार को कहा कि विदेशों से जितने भी लोग आएं हैं उन सबकी जांच सरकार कराएगी. विदेश से आए अधिकांश लोगों को चिह्नित किया जा चुका है, जो बचे हैं उनकी भी पहचान की जा रही है. एक महीने के अंदर विदेश से आए अधिकांश लोग अभी क्वारांटाइन में हैं. ऐसे लोगों की फिर जांच कराई जाएगी.

'विदेश से बिहार आए लोगों की फिर होगी जांच'
मुख्य सचिव ने कहा कि रविवार से उन सब की जांच प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अन्य प्रदेश में फंसे लोगों के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर फंसे हुए हैं, उनको लेकर केंद्र सरकार का जो दिशा निर्देश होगा उसके अनुसार काम किया जाएगा. बेहतर होता कि जो जहां है, वही रहें. लेकिन जो निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा.

पश्चिमी चंपारण स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर
पश्चिमी चंपारण स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर

नेपाल सीमा से लगनेवाले सभी जिलों में भी शिविर
बिहार में बाहर से आनेवाले और बाहर जानेवालों को इन शिविरों में रखा जाएगा. शिविर में रहने, खाने और इलाज की होगी व्यवस्था. नेपाल सीमा से लगनेवाले सभी जिलों में भी शिविर खोले जाएंगे. आपको बता दें कि जिन जिलों में सीमांचल आपदा राहत शिविर खोले जाएंगे वो- पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, अररिया, सुपौल, औरंगाबाद, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान और गोपालगंज हैं.

कैमूर बॉर्डर
कैमूर बॉर्डर

इधर, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर जांच मेडिकल किट उपलब्ध है. बता दें कि बिहार में अब तक 11 लोगों में कोरोना के वायरस पाए गए है, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. अब तक 592 संदिग्ध लोगों के नमूनों की जांच कराई गई है.

पटना: बिहार में विदेशों से आए लोगों की एक बार फिर जांच की जाएगी. पिछले एक महीने के दौरान विदेश से आए लोगों को चिह्नित किया जा चुका है और वे फिलहाल क्वारांटाइन हैं.

बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शनिवार को कहा कि विदेशों से जितने भी लोग आएं हैं उन सबकी जांच सरकार कराएगी. विदेश से आए अधिकांश लोगों को चिह्नित किया जा चुका है, जो बचे हैं उनकी भी पहचान की जा रही है. एक महीने के अंदर विदेश से आए अधिकांश लोग अभी क्वारांटाइन में हैं. ऐसे लोगों की फिर जांच कराई जाएगी.

'विदेश से बिहार आए लोगों की फिर होगी जांच'
मुख्य सचिव ने कहा कि रविवार से उन सब की जांच प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अन्य प्रदेश में फंसे लोगों के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर फंसे हुए हैं, उनको लेकर केंद्र सरकार का जो दिशा निर्देश होगा उसके अनुसार काम किया जाएगा. बेहतर होता कि जो जहां है, वही रहें. लेकिन जो निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा.

पश्चिमी चंपारण स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर
पश्चिमी चंपारण स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर

नेपाल सीमा से लगनेवाले सभी जिलों में भी शिविर
बिहार में बाहर से आनेवाले और बाहर जानेवालों को इन शिविरों में रखा जाएगा. शिविर में रहने, खाने और इलाज की होगी व्यवस्था. नेपाल सीमा से लगनेवाले सभी जिलों में भी शिविर खोले जाएंगे. आपको बता दें कि जिन जिलों में सीमांचल आपदा राहत शिविर खोले जाएंगे वो- पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, अररिया, सुपौल, औरंगाबाद, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान और गोपालगंज हैं.

कैमूर बॉर्डर
कैमूर बॉर्डर

इधर, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर जांच मेडिकल किट उपलब्ध है. बता दें कि बिहार में अब तक 11 लोगों में कोरोना के वायरस पाए गए है, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई है. अब तक 592 संदिग्ध लोगों के नमूनों की जांच कराई गई है.

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