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कोरोना से निपटने के लिए एक्शन में स्वास्थ्य विभाग, जिला स्तर पर मिलेगी सभी सुविधाएं - healt department

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बिहार में बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिलास्तर पर बेहतर इलाज की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है. ताकि, कम मरीजों को बड़े मेडिकल संस्थानों में आना पड़े. वहीं, 2 दिनों में रोजाना 20 हजार टेस्ट का लक्ष्य पूरा किया जाएगा.

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Published : Jul 30, 2020, 7:58 AM IST

पटना: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूचना सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण राजस्व एवं भूमि सुधार के बारे में वर्तमान रिपोर्ट दी. अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक कोविड के इलाज के लिए बिहार में 26 हजार बेड और 12 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है. वहीं, 270 आईसीयू बेड और 383 वेंटीलेटर कार्यरत है.

394 केन्द्रों में कोविड-19 मरीजों का इलाज
स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,284 लोग स्वस्थ हुए हैं. वहीं, अब तक 30 हजार 504 लोग कोरोना से स्वस्थ्य होकर वापस घर जा चुके हैं. बिहार का रिकवरी रेट 66.43 प्रतिशत है. 28 जुलाई को अब तक कोविड-19 के 1,528 मामले सामने आए हैं जबकि 27 जुलाई एवं पूर्व 800 कोरोना संक्रमण के नये केस की पुष्टि हुई है. वर्तमान में बिहार में कोरोना के 15 हजार 141 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 17 हजार 794 सैंपल की जांच की गई है. अब तक की कुल 5 लाख 4 हजार 629 सैंपल की जांच की जा चुकी है.

2 दिन में 20 हजार कोरोना टेस्ट का लक्ष्य

लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि रोजाना 20 हजार जांच का लक्ष्य अगले दो दिनों में प्राप्त कर लिया जाएगा. जिला स्तर पर बेहतर इलाज की व्यवस्था के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. मरीजों के इलाज, ऑक्सीजन की उपलब्धता, आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की जा रही है ताकि कम से कम मरीजों को उच्चतर मेडिकल संस्थानों में इलाज के लिए आना पड़े. फिलहाल पटना एम्स समेत 10 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स हैं, जहां सीवियर केटेगरी के मरीजों का इलाज हो रहा है. अस्पतालों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में लोगों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

जिलास्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की पहल

वहीं, जिला स्तर पर कंट्रोल रुम बनाया गया है जहां, तीन पाली में लोगों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो. बिहार में 33 हजार बेड्स की क्षमता वाले 200 कोविड केयर सेंटर्स फंक्शनल है, जिनमें करीब 19 हजार बेड्स लगाए जा चुके हैं. इनमें 4,202 ऑक्सीजन सिलिंडर हैं और 43 जगहों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की भी व्यवस्था है. इसके अलावा 6,342 बेड्स की क्षमता वाले 94 डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स फंक्शनल हैं, जिनमें 5 हजार बेड्स लगाये जा चुके हैं. यहां 2,925 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध है और 500 से अधिक जगहों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की सुविधा है.

बिहार में 10 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स

10 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स में 3 हजार बेड्स लगे हुए हैं जबकि इनकी क्षमता 3,860 की है. इनमें 4,542 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं और 1,856 ऑक्सीजन पाइपलाइन से सम्बद्ध बेड्स हैं. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि 394 केन्द्रों में कोविड-19 मरीजों का इलाज चल रहा है. जहाँ करीब 44 हजार बेड्स कैपिसिटी है. इनमें 26 हजार बेड्स लग चुके हैं और 12 हजार ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं, जबकि 2,500 बेड्स पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की सुविधा है. 270 आईसीयू बेड्स और 383 वेंटिलेटर क्रियाशील हैं. हर जिले में 4 वेंटिलेटर के साथ एक डेडीकेटेड आईसीयू की स्थापना की जा रही है जिसमें कोविड के सीवियर केसेज का इलाज होगा.

मास्क नहीं पहनने पर कार्रवाई
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का पालन सख्ती से कराया जा रहा है. 5 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 1 लाख 31 हजार 745 व्यक्तियों से 65 लाख 87 हजार 250 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है. कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने मेंअवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.

534 अंचल में ऑनलाइन दाखिल खारिज
अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के सभी 534 अंचलों में ऑनलाइन दाखिल खारिज की कार्रवाई चल रही है. लगभग 3.67 करोड़ जमाबंदियों में दर्ज विवरणी को डिजिटाइज्ड किया गया है. अब तक ऑनलाइन माध्यम से दाखिल खारिज के लिए 32 लाख 92 हजार 945 याचिकाएं दायर की गई है जिसमें 25 लाख 38 हजार 978 मामलों का निष्पादन किया गया है जो कुल निष्पादन का 77.10 प्रतिशत है. राज्य के सभी अंचलों में ऑनलाइन माध्यम से लगान भुगतान सुविधा प्रारंभ कर दी गयी है. 1 अप्रैल 2020 से 27 जुलाई 2020 तक 6 लाख 92 हजार 914 रैयतों को लगान रसीद निर्गत किया गया है जिससे 12 करोड़ 5 लाख 16 हजार 820 रूपये की राजस्व वसूली की गई है. ऑनलाइन प्रकाशित डिजिटाइज्ड जमाबंदी पंजियों में त्रुटियों के सुधार के लिए परिमार्जन पोर्टल विकसित किया गया है. अब तक 51 हजार 304 शिकायतें में से 16 हजार 461 शिकायतों का निपटारा हो चुका है, और शेष प्रक्रियाधीन हैं.

ऑनलाइन एलपीसी की सुविधा

विभाग की तरफ से ऑनलाइन एलपीसी प्राप्त करने की सुविधा भी शुरू की गई. इसके लिए अब तक 70 हजार 20 आवेदन प्राप्त हुए है जिनमें से 60 हजार 560 आवेदनों का निष्पादन किया जा चुका है. अभियान बसेरा के तहत सर्वेक्षण के क्रम में 1 लाख 29 हजार 880 परिवारों को वासभूमि रहित पाया गया. वासभूमि रहित 92 हजार 498 परिवारों को वासभूमि उपलब्ध कराई गई है. जबकि 37 हजार 391 परिवारों को चालू वित्तीय वर्ष में वासभूमि उपलब्ध कराया जाएगा. ऑपरेशन भूमि दखल देहानी के अंतर्गत बंदोबस्त की गई भूमि से बेदखली के कुल 1 लाख 29 हजार 118 मामलों में 96 हजार 780 परिवारों को आवंटित जमीन पर दखल-कब्जा दिलाया गया है जबकि शेष परिवारों को दखल दिलाने की कार्रवाई की जा रही है.

पटना: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूचना सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण राजस्व एवं भूमि सुधार के बारे में वर्तमान रिपोर्ट दी. अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक कोविड के इलाज के लिए बिहार में 26 हजार बेड और 12 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है. वहीं, 270 आईसीयू बेड और 383 वेंटीलेटर कार्यरत है.

394 केन्द्रों में कोविड-19 मरीजों का इलाज
स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,284 लोग स्वस्थ हुए हैं. वहीं, अब तक 30 हजार 504 लोग कोरोना से स्वस्थ्य होकर वापस घर जा चुके हैं. बिहार का रिकवरी रेट 66.43 प्रतिशत है. 28 जुलाई को अब तक कोविड-19 के 1,528 मामले सामने आए हैं जबकि 27 जुलाई एवं पूर्व 800 कोरोना संक्रमण के नये केस की पुष्टि हुई है. वर्तमान में बिहार में कोरोना के 15 हजार 141 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 17 हजार 794 सैंपल की जांच की गई है. अब तक की कुल 5 लाख 4 हजार 629 सैंपल की जांच की जा चुकी है.

2 दिन में 20 हजार कोरोना टेस्ट का लक्ष्य

लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि रोजाना 20 हजार जांच का लक्ष्य अगले दो दिनों में प्राप्त कर लिया जाएगा. जिला स्तर पर बेहतर इलाज की व्यवस्था के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. मरीजों के इलाज, ऑक्सीजन की उपलब्धता, आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की जा रही है ताकि कम से कम मरीजों को उच्चतर मेडिकल संस्थानों में इलाज के लिए आना पड़े. फिलहाल पटना एम्स समेत 10 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स हैं, जहां सीवियर केटेगरी के मरीजों का इलाज हो रहा है. अस्पतालों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में लोगों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

जिलास्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की पहल

वहीं, जिला स्तर पर कंट्रोल रुम बनाया गया है जहां, तीन पाली में लोगों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो. बिहार में 33 हजार बेड्स की क्षमता वाले 200 कोविड केयर सेंटर्स फंक्शनल है, जिनमें करीब 19 हजार बेड्स लगाए जा चुके हैं. इनमें 4,202 ऑक्सीजन सिलिंडर हैं और 43 जगहों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की भी व्यवस्था है. इसके अलावा 6,342 बेड्स की क्षमता वाले 94 डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स फंक्शनल हैं, जिनमें 5 हजार बेड्स लगाये जा चुके हैं. यहां 2,925 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध है और 500 से अधिक जगहों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की सुविधा है.

बिहार में 10 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स

10 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स में 3 हजार बेड्स लगे हुए हैं जबकि इनकी क्षमता 3,860 की है. इनमें 4,542 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं और 1,856 ऑक्सीजन पाइपलाइन से सम्बद्ध बेड्स हैं. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि 394 केन्द्रों में कोविड-19 मरीजों का इलाज चल रहा है. जहाँ करीब 44 हजार बेड्स कैपिसिटी है. इनमें 26 हजार बेड्स लग चुके हैं और 12 हजार ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं, जबकि 2,500 बेड्स पर ऑक्सीजन पाइपलाइन की सुविधा है. 270 आईसीयू बेड्स और 383 वेंटिलेटर क्रियाशील हैं. हर जिले में 4 वेंटिलेटर के साथ एक डेडीकेटेड आईसीयू की स्थापना की जा रही है जिसमें कोविड के सीवियर केसेज का इलाज होगा.

मास्क नहीं पहनने पर कार्रवाई
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का पालन सख्ती से कराया जा रहा है. 5 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 1 लाख 31 हजार 745 व्यक्तियों से 65 लाख 87 हजार 250 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है. कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने मेंअवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.

534 अंचल में ऑनलाइन दाखिल खारिज
अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के सभी 534 अंचलों में ऑनलाइन दाखिल खारिज की कार्रवाई चल रही है. लगभग 3.67 करोड़ जमाबंदियों में दर्ज विवरणी को डिजिटाइज्ड किया गया है. अब तक ऑनलाइन माध्यम से दाखिल खारिज के लिए 32 लाख 92 हजार 945 याचिकाएं दायर की गई है जिसमें 25 लाख 38 हजार 978 मामलों का निष्पादन किया गया है जो कुल निष्पादन का 77.10 प्रतिशत है. राज्य के सभी अंचलों में ऑनलाइन माध्यम से लगान भुगतान सुविधा प्रारंभ कर दी गयी है. 1 अप्रैल 2020 से 27 जुलाई 2020 तक 6 लाख 92 हजार 914 रैयतों को लगान रसीद निर्गत किया गया है जिससे 12 करोड़ 5 लाख 16 हजार 820 रूपये की राजस्व वसूली की गई है. ऑनलाइन प्रकाशित डिजिटाइज्ड जमाबंदी पंजियों में त्रुटियों के सुधार के लिए परिमार्जन पोर्टल विकसित किया गया है. अब तक 51 हजार 304 शिकायतें में से 16 हजार 461 शिकायतों का निपटारा हो चुका है, और शेष प्रक्रियाधीन हैं.

ऑनलाइन एलपीसी की सुविधा

विभाग की तरफ से ऑनलाइन एलपीसी प्राप्त करने की सुविधा भी शुरू की गई. इसके लिए अब तक 70 हजार 20 आवेदन प्राप्त हुए है जिनमें से 60 हजार 560 आवेदनों का निष्पादन किया जा चुका है. अभियान बसेरा के तहत सर्वेक्षण के क्रम में 1 लाख 29 हजार 880 परिवारों को वासभूमि रहित पाया गया. वासभूमि रहित 92 हजार 498 परिवारों को वासभूमि उपलब्ध कराई गई है. जबकि 37 हजार 391 परिवारों को चालू वित्तीय वर्ष में वासभूमि उपलब्ध कराया जाएगा. ऑपरेशन भूमि दखल देहानी के अंतर्गत बंदोबस्त की गई भूमि से बेदखली के कुल 1 लाख 29 हजार 118 मामलों में 96 हजार 780 परिवारों को आवंटित जमीन पर दखल-कब्जा दिलाया गया है जबकि शेष परिवारों को दखल दिलाने की कार्रवाई की जा रही है.

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