पटना: राजधानी के वीर चंद्र पटेल पथ पर स्थित रवींद्र भवन में सामाजिक संस्था धरोहर की ओर से अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में हजारों की तादाद में श्रोता पहुंचे और पूरा ऑडिटोरियम खचाखच भरा रहा. दर्शकों ने कवियों की प्रस्तुति को जमकर सराहा और तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अभिनंदन किया.
कवि सम्मेलन में मंच का संचालन हास्य कवि डॉ. सुरेश अवस्थी ने किया. इसके अलावा उन्होंने कार्यक्रम में अपने हास्य-व्यंग्य की प्रस्तुति से दर्शकों को बांधे रखा. इस हास्य कवि सम्मेलन में उज्जैन से दिनेश दिग्गज, मशहूर गीतकार संतोष आनंद, मशहूर शायर हाशिम फिरोजाबादी, दिल्ली की युवा कवियत्री पद्मिनी शर्मा, पैरोडी गीतों के माध्यम से अपनी कविता को रखने वाले मुंबई के दिलीप शर्मा और धरोहर के अध्यक्ष सूरज सिन्हा मौजूद रहे.
पद्मिनी शर्मा ने पेश किये हास्य गीत
कवि सम्मेलन की शुरुआत पद्मिनी शर्मा ने वंदे शारदे सरस्वती गाकर किया. पद्मिनी शर्मा ने बुजुर्गों पर तंज कसते हुए एक हास्य गीत पेश किया. जिसमें 'बीते दिनों की याद में शर्माए हैं दादा, एक बार पूरे जोश में फिर आए हैं बाबा, जबसे है जलोटा के साथ देखी हसीना, एक हारमोनियम खरीद लाए हैं बाबा' सुन पूरा सभागार ठहाका लगाने पर मजबूर हो गया. इसके अलावा उन्होंने अपने श्रृंगार गीत गाये.
पैरोडी गीतों के माध्यम से सुनाया व्यंग
मुंबई से आए दिलीप शर्मा ने अपनी पैरोडी गीतों के माध्यम से हास्य व्यंग के कई गीत सुनाए. उन्होंने अपनी कविता के जरिए श्रोताओं को बताया कि हास्य कवि अगर श्रृंगार पर कविता लिखता है तो कैसे लिखता है. जिस पर उन्होंने छंद पेश किया.
महाराष्ट्र के सियासी उठापटक पर सुनाई गई कविता
वहीं, उज्जैन से आए हास्य कवि दिनेश दिग्गज की कविताओं पर जमकर ठहाके लगे. उन्होंने महाराष्ट्र में चले सियासी उठापटक पर भी कविता सुनाई. जिसके बाद पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा. इसके साथ ही लोगों ने अपनी तालियों के जरिए उनकी कविता को सम्मान दिया.