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Population Control Controversy: UP मॉडल नहीं नीतीश मॉडल ही बिहार के लिए सही है- HAM

जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर बिहार का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में नहीं हैं. अब हम ने भी सीएम का समर्थन किया है और कहा कि योगी मॉडल नहीं बल्कि नीतीश मॉडल ही सही है.

Population Control Law
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Published : Jul 14, 2021, 4:42 PM IST

पटना: जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) पर छिड़ी बहस थमने का नाम नहीं ले रही है. इंतजार किया जा रहा है कि क्या यूपी की तर्ज पर बिहार में भी इसे लेकर फैसला हो सकता है. इन सबके बीच नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बयान से साफ हो गया है कि बिहार में इसे लागू नहीं किया जाएगा. हालांकि बीजेपी और जदयू के कई नेता कानून के पक्ष में बयान दे चुके हैं. अब हम (HAM) ने भी सीएम का समर्थन करते हुए कहा है कि इस कानून से जनसंख्या नियंत्रण संभव नहीं है, बल्कि महिलाओं की शिक्षा ही इसका समाधान है.

यह भी पढ़ें- जनसंख्या नियंत्रण कानून पर CM नीतीश- जिसको जो करना है करे... हमने फैसला ले लिया है

राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच ही बहस जारी है. आज हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) ने भी साफ कर दिया कि इस कानून से जनसंख्या को नियंत्रित कर पाना संभव नहीं है.

'पता नहीं जनसंख्या पर राजनीति हो रही है या महंगाई को लेकर मुद्दा बदला जा रहा है. लेकिन सच्चाई यह है कि देश मे जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाना ठीक नहीं है. इसको लेकर जो मॉडल की बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं वो ठीक है. महिलाओं में साक्षरता दर बढ़ा कर ही बिहार में ऐसा हुआ है और प्रजनन दर घटा है.'- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर हम ने किया नीतीश का समर्थन

दरअसल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 को जारी कर दिया है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार इसके खिलाफ हैं लेकिन उनकी पार्टी में ही इस मुद्दे को लेकर दो फाड़ दिख रहा है. अब इसे लेकर विपक्ष हमलावर है. इन सबके बीच हम ने नीतीश कुमार का समर्थन किया है.

सीएम नीतीश इस कानून पर कहा था "चीन को ही देख लीजिए, एक से दो ( बच्‍चों की संख्‍या ) किया, अब दो के बाद क्‍या हो रहा है. आप किसी भी देश का हाल देख लीजिए. यह सबसे बड़ी चीज है कि महिलाएं पढ़ी-लिखी रहेंगी तो इतनी जागृति आती है कि प्रजनन दर अपने आप कम होती है. सर्वे से भी इस तरह की बातों की पुष्टि है."

सीएम ने कहा था "मेरा मानना है कि 2040 तक यह वृद्धि नहीं रहेगी. हमारी सोच साफ है कि इसे कैसे कम कर सकते हैं. यह बात सभी समुदायों पर लागू होती हैं. यदि महिलाएं पढ़ी-लिखी रहेंगी तो प्रजनन दर में कमी लाई जा सकती है."

सीएम नीतीश के इसी बयान का हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने समर्थन किया है और जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध किया है. हालांकि सीएम की अपनी पार्टी के ही कई नेता उनके इस मॉडल से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. और जनसंख्या नियंत्रण कानून को बिहार में लागू करने की मांग कर चुके हैं.

पटना: जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) पर छिड़ी बहस थमने का नाम नहीं ले रही है. इंतजार किया जा रहा है कि क्या यूपी की तर्ज पर बिहार में भी इसे लेकर फैसला हो सकता है. इन सबके बीच नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बयान से साफ हो गया है कि बिहार में इसे लागू नहीं किया जाएगा. हालांकि बीजेपी और जदयू के कई नेता कानून के पक्ष में बयान दे चुके हैं. अब हम (HAM) ने भी सीएम का समर्थन करते हुए कहा है कि इस कानून से जनसंख्या नियंत्रण संभव नहीं है, बल्कि महिलाओं की शिक्षा ही इसका समाधान है.

यह भी पढ़ें- जनसंख्या नियंत्रण कानून पर CM नीतीश- जिसको जो करना है करे... हमने फैसला ले लिया है

राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच ही बहस जारी है. आज हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) ने भी साफ कर दिया कि इस कानून से जनसंख्या को नियंत्रित कर पाना संभव नहीं है.

'पता नहीं जनसंख्या पर राजनीति हो रही है या महंगाई को लेकर मुद्दा बदला जा रहा है. लेकिन सच्चाई यह है कि देश मे जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाना ठीक नहीं है. इसको लेकर जो मॉडल की बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं वो ठीक है. महिलाओं में साक्षरता दर बढ़ा कर ही बिहार में ऐसा हुआ है और प्रजनन दर घटा है.'- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर हम ने किया नीतीश का समर्थन

दरअसल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 को जारी कर दिया है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार इसके खिलाफ हैं लेकिन उनकी पार्टी में ही इस मुद्दे को लेकर दो फाड़ दिख रहा है. अब इसे लेकर विपक्ष हमलावर है. इन सबके बीच हम ने नीतीश कुमार का समर्थन किया है.

सीएम नीतीश इस कानून पर कहा था "चीन को ही देख लीजिए, एक से दो ( बच्‍चों की संख्‍या ) किया, अब दो के बाद क्‍या हो रहा है. आप किसी भी देश का हाल देख लीजिए. यह सबसे बड़ी चीज है कि महिलाएं पढ़ी-लिखी रहेंगी तो इतनी जागृति आती है कि प्रजनन दर अपने आप कम होती है. सर्वे से भी इस तरह की बातों की पुष्टि है."

सीएम ने कहा था "मेरा मानना है कि 2040 तक यह वृद्धि नहीं रहेगी. हमारी सोच साफ है कि इसे कैसे कम कर सकते हैं. यह बात सभी समुदायों पर लागू होती हैं. यदि महिलाएं पढ़ी-लिखी रहेंगी तो प्रजनन दर में कमी लाई जा सकती है."

सीएम नीतीश के इसी बयान का हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने समर्थन किया है और जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध किया है. हालांकि सीएम की अपनी पार्टी के ही कई नेता उनके इस मॉडल से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. और जनसंख्या नियंत्रण कानून को बिहार में लागू करने की मांग कर चुके हैं.

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