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बिहार में 'संपूर्ण लॉकडाउन' पर NDA में बढ़ी तकरार, हम ने कहा- संक्रमण से नहीं, भूख से मरेगी गरीब जनता

बिहार में 15 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है. लेकिन इसकी घोषणा के साथ ही एनडीए के भीतर ही विवाद शुरू हो गया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाये हैं.

Politics Over Lockdown in Bihar
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Published : May 4, 2021, 2:04 PM IST

पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए सरकार ने बिहार में पूर्ण लॉकडाउन का फैसला लिया है. यह लॉकडाउन 15 मई तक रहेगा. सरकार के इस फैसले पर सियासत भी तेज हो गई है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है. वहीं जदयू ने इस फैसले का स्वागत किया है.

यह भी पढ़ें- बिहार में 15 मई तक लॉकडाउन, जानिए क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

हम ने लॉकडाउन का किया विरोध
बिहार सरकार ने बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर 15 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. बिहार सरकार के इस फैसले पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सवाल खड़ा किया है.

'बिहार में लॉकडाउन का फैसला निसंदेह कोर्ट की टिप्पणी के बाद लिया गया है, लेकिन हमें लगता है कि इस टिप्पणी के बाद कहीं ना कहीं से गरीब तबका निराश होगा, क्योंकि वह कोरोना से बच सकता है. लेकिन भूख से जरूर मर जाएगा. संक्रमण को लेकर न्यायालय ने जो टिप्पणी की है उस टिप्पणी पर न्यायालय को भी विचार-विमर्श कर लेना चाहिए था. न्यायालय को गरीबों का भी ख्याल रखना चाहिए था. खासकर उन तबकों का जो हर दिन मेहनत करके दो वक्त की रोटी का पैसा कमाता हैऔर परिवार का भरण-पोषण करते हैं.'- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

Politics Over Lockdown in Bihar
दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

हम की मांग
हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बिहार सरकार ने जब लॉकडाउन का फैसला ले लिया है, तो उसे बिहार के मजदूरों के साथ ही गरीबों की भी चिंता करनी होगी. जो लोग रोजाना मेहनत करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. उन्हें इस लॉकडाउन की अवधि तक सभी सुविधाओं की छूट मिलनी चाहिए. सबसे पहले बिजली बिल के साथ ही स्कूल फीस, मकान का किराया, बैंक का एमआई माफ होना चाहिए. अगर सरकार इन सभी बिंदुओं पर विचार नहीं करती है, तो लोगों में आक्रोश बढ़ेगा. हम ने सरकार से इन सभी बिंदुओं पर विचार करने की मांग की है.

लॉकडाउन पर हम और जदयू की प्रतिक्रिया

फैसले का जदयू ने किया स्वागत
वही जदयू ने लॉकडाउन के फैसले का स्वागत किया है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने इस फैसले को बिहार के लिए जरूरी बताया है.

'जिस तरह से बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे. कई जिलों के जिलाधिकारियों ने वीकेंड लॉकडाउन लागू किया था. फिर भी संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही थी. सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए जो फैसला लिया है वह स्वागत योग्य है. इस लॉकडाउन से निश्चित ही कोरोना का चेन टूटेगा.'- अभिषेक झा, प्रवक्ता जदयू

Politics Over Lockdown in Bihar
अभिषेक झा, प्रवक्ता जदयू

15 मई तक बिहार में लॉकडाउन
आपको बता दें कि बिहार में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं. इन सब के बीच सोमवार को हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए लॉकडाउन लगाने पर जवाब मांगा था और पूछा था कि आखिर राज्य सरकार क्यों नहीं लॉकडाउन लागू कर रही है. कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 दिनों से लगातार हाई लेवल मीटिंग कर रहे थे. आज उन्होंने फैसला ले लिया है कि 15 मई तक बिहार में लॉकडाउन लागू रहेगा.

यह भी पढ़ें- नीतीश की दो टूक : बेवजह घर से निकलने वालों पर सख्ती करे प्रशासन और पुलिस

पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए सरकार ने बिहार में पूर्ण लॉकडाउन का फैसला लिया है. यह लॉकडाउन 15 मई तक रहेगा. सरकार के इस फैसले पर सियासत भी तेज हो गई है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है. वहीं जदयू ने इस फैसले का स्वागत किया है.

यह भी पढ़ें- बिहार में 15 मई तक लॉकडाउन, जानिए क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

हम ने लॉकडाउन का किया विरोध
बिहार सरकार ने बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर 15 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. बिहार सरकार के इस फैसले पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने सवाल खड़ा किया है.

'बिहार में लॉकडाउन का फैसला निसंदेह कोर्ट की टिप्पणी के बाद लिया गया है, लेकिन हमें लगता है कि इस टिप्पणी के बाद कहीं ना कहीं से गरीब तबका निराश होगा, क्योंकि वह कोरोना से बच सकता है. लेकिन भूख से जरूर मर जाएगा. संक्रमण को लेकर न्यायालय ने जो टिप्पणी की है उस टिप्पणी पर न्यायालय को भी विचार-विमर्श कर लेना चाहिए था. न्यायालय को गरीबों का भी ख्याल रखना चाहिए था. खासकर उन तबकों का जो हर दिन मेहनत करके दो वक्त की रोटी का पैसा कमाता हैऔर परिवार का भरण-पोषण करते हैं.'- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

Politics Over Lockdown in Bihar
दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

हम की मांग
हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बिहार सरकार ने जब लॉकडाउन का फैसला ले लिया है, तो उसे बिहार के मजदूरों के साथ ही गरीबों की भी चिंता करनी होगी. जो लोग रोजाना मेहनत करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. उन्हें इस लॉकडाउन की अवधि तक सभी सुविधाओं की छूट मिलनी चाहिए. सबसे पहले बिजली बिल के साथ ही स्कूल फीस, मकान का किराया, बैंक का एमआई माफ होना चाहिए. अगर सरकार इन सभी बिंदुओं पर विचार नहीं करती है, तो लोगों में आक्रोश बढ़ेगा. हम ने सरकार से इन सभी बिंदुओं पर विचार करने की मांग की है.

लॉकडाउन पर हम और जदयू की प्रतिक्रिया

फैसले का जदयू ने किया स्वागत
वही जदयू ने लॉकडाउन के फैसले का स्वागत किया है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने इस फैसले को बिहार के लिए जरूरी बताया है.

'जिस तरह से बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे. कई जिलों के जिलाधिकारियों ने वीकेंड लॉकडाउन लागू किया था. फिर भी संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही थी. सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए जो फैसला लिया है वह स्वागत योग्य है. इस लॉकडाउन से निश्चित ही कोरोना का चेन टूटेगा.'- अभिषेक झा, प्रवक्ता जदयू

Politics Over Lockdown in Bihar
अभिषेक झा, प्रवक्ता जदयू

15 मई तक बिहार में लॉकडाउन
आपको बता दें कि बिहार में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं. इन सब के बीच सोमवार को हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए लॉकडाउन लगाने पर जवाब मांगा था और पूछा था कि आखिर राज्य सरकार क्यों नहीं लॉकडाउन लागू कर रही है. कोर्ट के इस टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 दिनों से लगातार हाई लेवल मीटिंग कर रहे थे. आज उन्होंने फैसला ले लिया है कि 15 मई तक बिहार में लॉकडाउन लागू रहेगा.

यह भी पढ़ें- नीतीश की दो टूक : बेवजह घर से निकलने वालों पर सख्ती करे प्रशासन और पुलिस

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