पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) के नाम पर बिहार एनडीए में जुबानी जंग शुरू हो गई है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) के उस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. हम महासचिव दानिश रिजवान ने कहा कि सुशील मोदी को नहीं भूलना चाहिए कि छोटे दलों के सहारे ही भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई थी.
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क्या कहा था सुशील मोदी ने? दरअसल, सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था, "बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है, इसलिए देश में सैकड़ो दल पहले से हैं. अब इस भीड़ में यदि कोई अतिमहत्वाकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है, तो इससे सदाबहार नदियों को क्या फर्क पड़ेगा?"
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बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है।
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छोटे दलों के सहारे सत्ता में बीजेपी: बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी का कोई भविष्य नहीं कहने वाले सुशील मोदी पर हम पार्टी के महासचिव दानिश रिजवान ने पलटवार करते हुए कहा कि कुछ बड़ी पार्टी के लोग इन दिनों बड़ा बयान देने लगे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को यह याद रखना चाहिए कि कभी उनकी पार्टी भी छोटी हुआ करती थी. आज जो बातें वो कर रहे हैं, उनको भूलना नहीं चाहिए कि इन्हीं छोटी पार्टियों की बदौलत उन्होंने अपनी सरकार बनाई है.
"बिहार में कुछ बड़े दलों के राजनेता आजकल छोटे दलों पर अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन वे भूल गए हैं कि कभी उनकी पार्टी भी छोटी हुआ करती थी. उनको याद रखना चाहिए कि जिन्हें वह छोटा कह रहे हैं, उन्हीं के सहारे वह बिहार में सत्ता में आए थे. इसलिए किसी को छोटा कहने से पहले दस बार सोचना चाहिए"- दानिश रिजवान, प्रधान महासचिव, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा
सुशील मोदी ने सच बोला: हालांकि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रामसागर सिंह ने सांसद सुशील मोदी के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी ने जो कहा है, इसमें सच्चाई है. कांग्रेस और आरजेडी जैसे पारिवारिक पार्टियों का अगला लोकसभा में फिर वही हाल होगा, जो पिछले चुनाव में हुआ था और छोटी-छोटी जो राजनीतिक पार्टियां है, उसे लोग स्वीकार नहीं करेंगे. एनडीए के चार दल ही बिहार में रहेंगे.
"सुशील मोदी ने जो कहा है, इसमें सच्चाई है. कांग्रेस और आरजेडी जैसे पारिवारिक पार्टियों का अगला लोकसभा में फिर वही हाल होगा, जो पिछले चुनाव में हुआ था और छोटी-छोटी जो राजनीतिक पार्टियां है, उसे लोग स्वीकार नहीं करेंगे. एनडीए के चार दल ही बिहार में रहेंगे"- रामसागर सिंह, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी
राजनीति में एंट्री लेंगे प्रशांत किशोर?: असल में प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, 'लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी खोज ने 10 साल के रोलरकोस्टर की सवारी का नेतृत्व किया. जैसे ही मैं पन्नों को पलटता हूं, पता चलता है कि अब मुद्दों और ''जन सुराज'' के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर्स यानी जनता तक जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से होगी.'
क्या होगा पार्टी का नाम? : प्रशांत किशोर के ट्वीट को देखें तो एक तरह से उनकी पार्टी का नाम जन सुराज हो सकता हैं. हालांकि इस ट्वीट के बाद ये कयास भर ही है. पार्टी किस रुप में होगी. उसका नाम क्या होगा. यह सब तो पीके के दिमाग में होगा. लेकिन यह सवाल जरुर है कि अभी बिहार में कोई चुनाव होने वाला नहीं है. बिहार विधान सभा का चुनाव 2025 में और लोकसभा का चुनाव 2024 में होना है. तो फिर प्रशांत किशोर ने ऐसा क्यों लिखा, 'शुरुआत बिहार से'? हालांकि हो सकता है कि बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रशांत किशोर तीन साल पहले ही राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर एक या दो साल में अपनी पॉलिटिकल पार्टी लांच कर सकते हैं.
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