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बोले मांझी- SC/ST के आरक्षण में हो रही हकमारी, दिलवाकर रहेंगे दलितों का हक - न्यायपालिका में भी आरक्षण जरूरी

मांझी ने दलित अत्याचार अधिनियम को लेकर कहा कि अभी भी सरकार इस एक्ट का कड़ाई से पालन नहीं करवा रही है. साथ ही उन्होंने न्यायपालिका में भी एससी/एसटी के आरक्षण को जरूरी बताया.

Patna
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Published : May 19, 2020, 2:06 PM IST

पटनाः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार पर दलितों के आरक्षण में हकमारी की साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी के आरक्षण को लेकर हमने लड़ाई शुरू की है और उन्हें उनका वाजिब हक दिलवाकर ही रहेंगे.

9वीं सूची से जोड़ने की मांग
हम पार्टी अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा दे रही है. लेकिन उसमें आरक्षण को लेकर कुछ नहीं कह रही है. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी को छोड़कर जिनको आरक्षण दिया गया है हम उसका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन हम उनकी तरह एससी/एसटी के आरक्षण को भी 9वीं सूची से जोड़ने की मांग कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

'न्यायपालिका में भी आरक्षण जरूरी'
जीतन राम मांझी ने दलित अत्याचार अधिनियम को लेकर कहा कि अभी भी सरकार इस एक्ट का कड़ाई से पालन नहीं करवा रही है. साथ ही उन्होंने न्यायपालिका में भी एससी/एसटी के आरक्षण को जरूरी बताया.

28 मई को होगी अगली बैठक
बता दें कि बिहार में दलित आरक्षण को लेकर विभिन्न दलों के दलित विधायक लगातार बैठक कर रहे हैं. पहली बैठक 8 मई को और दूसरी 18 मई को की गई. इसकी अगली बैठक 28 मई को होने वाली है.

पटनाः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार पर दलितों के आरक्षण में हकमारी की साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी के आरक्षण को लेकर हमने लड़ाई शुरू की है और उन्हें उनका वाजिब हक दिलवाकर ही रहेंगे.

9वीं सूची से जोड़ने की मांग
हम पार्टी अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा दे रही है. लेकिन उसमें आरक्षण को लेकर कुछ नहीं कह रही है. उन्होंने कहा कि एससी/एसटी को छोड़कर जिनको आरक्षण दिया गया है हम उसका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन हम उनकी तरह एससी/एसटी के आरक्षण को भी 9वीं सूची से जोड़ने की मांग कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

'न्यायपालिका में भी आरक्षण जरूरी'
जीतन राम मांझी ने दलित अत्याचार अधिनियम को लेकर कहा कि अभी भी सरकार इस एक्ट का कड़ाई से पालन नहीं करवा रही है. साथ ही उन्होंने न्यायपालिका में भी एससी/एसटी के आरक्षण को जरूरी बताया.

28 मई को होगी अगली बैठक
बता दें कि बिहार में दलित आरक्षण को लेकर विभिन्न दलों के दलित विधायक लगातार बैठक कर रहे हैं. पहली बैठक 8 मई को और दूसरी 18 मई को की गई. इसकी अगली बैठक 28 मई को होने वाली है.

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