पटनाः बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है. इसके बावजूद आए दिन भारी मात्रा में शराब की खेप पकड़ी जा रही है. शराब पीने से लोगों की मौत को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है. इसी कड़ी में अब एनडीए की घटक दल हम का भी मानना है कि शराबबंदी पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही है. साथ ही हम ने सरकार से शराब पकड़े जाने या उससे मौत होने पर जिले के पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है.
"बिहार में हो रहे जहरीली शराब कांड को लेकर हमने मुख्यमंत्री से उस जिले के पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. शराब बंदी के बावजूद शराब कैसे बिक रही है इसकी जवाबदेही पुलिस की होनी चाहिए."- दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम
मुख्यमंत्री से की कार्रवाई की मांग
हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि राज्य में शराब बंदी लागू करना एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक फैसला है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पैगंबर मोहम्मद साहब की कल्पना थी कि देश दुनिया में शराबबंदी लागू हो. लेकिन बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद भी विभिन्न जिलों में जहरीली शराब कांड हो रही है. इसे लेकर हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कार्रवाई की मांग की है.
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जहरीली शराब से लोगों की मौत
बिहार में लगातार शराब से लोगों की मौत होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फजीहत हो रही है. शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से लोगों की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. अब तक केवल विपक्ष ही सरकार के ऊपर सवाल खड़े कर रहा था. लेकिन अब सत्ता पक्ष में शामिल दलों ने भी शराबबंदी को लेकर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है.