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बिहार में लागू हुआ Hallmarking कानून तो बंद हो जाएंगी 95% स्वर्ण व्यवसायियों की दुकानें

16 जून से हॉलमार्किंग कानून लागू हो रहा है. बिहार के करीब 5% स्वर्ण व्यवसाई ने ही हॉल मार्किंग ले रखा है. बुधवार से हॉल मार्किंग कानून लागू हो जाता है तो करीब 90 से 95% व्यवसायियों की दुकानें बंद हो जाएंगी.

Hallmarking
हॉलमार्किंग
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Published : Jun 15, 2021, 8:58 PM IST

पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) और लॉकडाउन (Lockdown) में सभी की परेशानियां बढ़ गईं थी. हालांकि अब सरकार द्वारा कई रियायत दी गई है, लेकिन स्वर्ण व्यवसायियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही. लंबे समय के बाद अब दुकानें खोलने की इजाजत तो मिल गई, लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या हॉलमार्किंग कानून (Hallmarking act) है.

यह भी पढ़ें- एमएमटीसी-पीएएमपी दिल्ली, तमिलनाडु में स्थापित करेगी हॉलमार्क केंद्र

16 जून से हॉलमार्किंग कानून लागू हो रहा है. बिहार के करीब 5% स्वर्ण व्यवसाई ने ही हॉलमार्किंग ले रखा है. ऐसे में यदि बिहार में बुधवार से हॉलमार्किंग कानून लागू हो जाता है तो करीब 90 से 95% स्वर्ण व्यवसायियों की दुकानें बंद हो जाएंगी. इस संबंध में हमने पटना के स्वर्ण व्यवसायियों से बात की. व्यवसायियों ने बताया कि हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार हमें कुछ ना कुछ रियायत देगी या फिर कानून लागू करने की तिथि को आगे बढ़ाएगी.

बंद हो जाएंगी हजारों दुकानें
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार कन्वेनर अशोक कुमार वर्मा ने कहा, "पूरे बिहार में लगभग दो लाख छोटे बड़े स्वर्ण व्यवसाई हैं. इनमें महज 1000 ज्वेलर्स ने ही हॉल मार्क ले रखा है. बिहार के 38 जिलों में केवल 10 से 11 जगह पर लाइसेंस होल्डर का सेंटर है. ऐसे में यदि बुधवार से कानून लागू होता है तो बिहार में हजारों दुकानें बंद हो जाएंगी. इस कारण बेरोजगारी काफी अधिक बढ़ जाएगी. व्यवसायियों को नुकसान होगा."

देखें रिपोर्ट

"अभी न सरकार इस कानून को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है और न व्यवसाई. राज्य की रीढ़ की हड्डी व्यापारी होते हैं. उम्मीद है कि सरकार व्यापारियों के लिए बेहतर फैसला लेगी."- अशोक कुमार वर्मा, बिहार कन्वेनर, ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन

15 जून तक बढ़ाया गया था डेट
गौरतलब है कि हॉलमार्किंग कानून ग्राहकों के हित में है. ज्वेलर्स को 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की हॉलमार्क ज्वेलरी बेचने की अनुमति है. ग्राहक को मानक के हिसाब से सोना मिले इसके लिए हॉल मार्क जरूरी है. पहले इस कानून को लागू करने की तिथि 1 जून थी. सरकार ने इसे 15 जून तक बढ़ा दिया था. हॉलमार्किंग लाइसेंस लेने पर ज्वेलर्स को सरकार को फीस देना पड़ता है.

हॉलमार्किंग लाइसेंस का शुल्क

सालाना टर्न ओवरशुल्क
5 करोड़ रुपये 7500 रुपये
5 से 25 करोड़ रुपये15000 रुपये
25 से 100 करोड़ रुपये40000 रुपये
100 करोड़ रुपये से अधिक80000 रुपये

ठगे न जाएंगे ग्राहक

हॉलमार्किंग कानून लागू होने के बाद ग्राहक ठगे नहीं जाएंगे. ग्राहकों को घटिया या कम गुणवत्ता की सोने की ज्वेलरी बेचकर धोखा नहीं दिया जा सकेगा. ज्वेलरी पर सोने की शुद्धता दर्ज रहेगी.

कैरेट और उनके नंबर

  • 22 कैरेट सोना है तो दर्ज रहेगा 22K916
  • 18 कैरेट सोना है तो दर्ज रहेगा 18K750
  • 14 कैरेट सोना है तो दर्ज रहेगा 14K585

यह भी पढ़ें- गलवान के वीर : भारतीय सेना ने शहीदों के सम्मान में जारी किया गीत

पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) और लॉकडाउन (Lockdown) में सभी की परेशानियां बढ़ गईं थी. हालांकि अब सरकार द्वारा कई रियायत दी गई है, लेकिन स्वर्ण व्यवसायियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही. लंबे समय के बाद अब दुकानें खोलने की इजाजत तो मिल गई, लेकिन अब सबसे बड़ी समस्या हॉलमार्किंग कानून (Hallmarking act) है.

यह भी पढ़ें- एमएमटीसी-पीएएमपी दिल्ली, तमिलनाडु में स्थापित करेगी हॉलमार्क केंद्र

16 जून से हॉलमार्किंग कानून लागू हो रहा है. बिहार के करीब 5% स्वर्ण व्यवसाई ने ही हॉलमार्किंग ले रखा है. ऐसे में यदि बिहार में बुधवार से हॉलमार्किंग कानून लागू हो जाता है तो करीब 90 से 95% स्वर्ण व्यवसायियों की दुकानें बंद हो जाएंगी. इस संबंध में हमने पटना के स्वर्ण व्यवसायियों से बात की. व्यवसायियों ने बताया कि हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार हमें कुछ ना कुछ रियायत देगी या फिर कानून लागू करने की तिथि को आगे बढ़ाएगी.

बंद हो जाएंगी हजारों दुकानें
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार कन्वेनर अशोक कुमार वर्मा ने कहा, "पूरे बिहार में लगभग दो लाख छोटे बड़े स्वर्ण व्यवसाई हैं. इनमें महज 1000 ज्वेलर्स ने ही हॉल मार्क ले रखा है. बिहार के 38 जिलों में केवल 10 से 11 जगह पर लाइसेंस होल्डर का सेंटर है. ऐसे में यदि बुधवार से कानून लागू होता है तो बिहार में हजारों दुकानें बंद हो जाएंगी. इस कारण बेरोजगारी काफी अधिक बढ़ जाएगी. व्यवसायियों को नुकसान होगा."

देखें रिपोर्ट

"अभी न सरकार इस कानून को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है और न व्यवसाई. राज्य की रीढ़ की हड्डी व्यापारी होते हैं. उम्मीद है कि सरकार व्यापारियों के लिए बेहतर फैसला लेगी."- अशोक कुमार वर्मा, बिहार कन्वेनर, ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन

15 जून तक बढ़ाया गया था डेट
गौरतलब है कि हॉलमार्किंग कानून ग्राहकों के हित में है. ज्वेलर्स को 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की हॉलमार्क ज्वेलरी बेचने की अनुमति है. ग्राहक को मानक के हिसाब से सोना मिले इसके लिए हॉल मार्क जरूरी है. पहले इस कानून को लागू करने की तिथि 1 जून थी. सरकार ने इसे 15 जून तक बढ़ा दिया था. हॉलमार्किंग लाइसेंस लेने पर ज्वेलर्स को सरकार को फीस देना पड़ता है.

हॉलमार्किंग लाइसेंस का शुल्क

सालाना टर्न ओवरशुल्क
5 करोड़ रुपये 7500 रुपये
5 से 25 करोड़ रुपये15000 रुपये
25 से 100 करोड़ रुपये40000 रुपये
100 करोड़ रुपये से अधिक80000 रुपये

ठगे न जाएंगे ग्राहक

हॉलमार्किंग कानून लागू होने के बाद ग्राहक ठगे नहीं जाएंगे. ग्राहकों को घटिया या कम गुणवत्ता की सोने की ज्वेलरी बेचकर धोखा नहीं दिया जा सकेगा. ज्वेलरी पर सोने की शुद्धता दर्ज रहेगी.

कैरेट और उनके नंबर

  • 22 कैरेट सोना है तो दर्ज रहेगा 22K916
  • 18 कैरेट सोना है तो दर्ज रहेगा 18K750
  • 14 कैरेट सोना है तो दर्ज रहेगा 14K585

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