पटना: बिहार में 30 सितंबर को बीपीएससी 69वीं प्रीलिम्स परीक्षा का आयोजन होने जा रहा है. इस परीक्षा के माध्यम से बिहार लोक सेवा आयोग के 475 पद भरे जाएंगे. आयोग ने अभ्यर्थियों की डिमांड पर परीक्षा से ई ऑप्शन को खत्म कर दिया है लेकिन नेगेटिव मार्किंग बरकरार है. ऐसे में बीपीएससी जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले गुरु रहमान ने अभ्यर्थियों को कई सलाह दी है. उन्होंने बिहार की सरकारी नीतियों और राज्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने को कहा है.
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बीपीएससी 69वीं प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी: गुरु रहमान ने अभ्यर्थियों को सलाह देते हुए बताया है कि बीपीएससी परीक्षा में व्यावहारिक ज्ञान और पुस्तकिय ज्ञान का बहुत महत्व है. एनसीईआरटी की किताब पर कमांड रहना बहुत जरूरी है. अब अभ्यर्थियों के पास लगभग एक महीना का समय बचा हुआ है. ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने अपना सिलेबस पूरा कर लिया है. उन्हें रिवाइज करने की आवश्यकता है.
'बिहार एक परिचय' पुस्तक का करें अध्ययन': इसके अलावा सबसे बड़ी बात है कि बिहार एक बहुत बड़ा अध्याय है. इम्तियाज अहमद और कमर हसन की बिहार से जुड़ी हुई एक बहुत पुरानी पुस्तक है 'बिहार एक परिचय'. इस पुस्तक को बहुत अच्छे से पढ़ने की आवश्यकता है क्योंकि अब बीपीएससी बिहार से जुड़ा हुआ ऑब्जेक्टिव प्रश्न नहीं पूछ रहा. बीपीएससी अब बिहार से जुड़े हुए ऐसे सवाल भी पूछ रहा है जो बहुत अधिक प्रसिद्ध नहीं है लेकिन उनकी प्रासंगिकता है.
"बीपीएससी अब बिहार से जुड़े वैसे प्रश्न भी पूछता है, जो अधिक प्रसिद्ध नहीं हैं. उदाहरण के तौर पर किसान आंदोलन में स्वामी सहजानंद सरस्वती को सभी लोग जानते हैं लेकिन स्वामी विद्यानंद को बहुत अधिक लोग नहीं जानते हैं. बीपीएससी ने शिक्षक की परीक्षा में भी ऐसे सवाल पूछ दिए हैं."-गुरु रहमान
इन नीतियों का अध्यन है जरूरी: गुरु रहमान ने बताया कि अभ्यर्थियों के लिए इसके बाद भी जरूरी है कि प्रतिदिन कम से कम दो क्वेश्चन का सेट सॉल्व करें. इकोनामिक सर्वे ऑफ इंडिया का गहराई से अध्ययन करें और एक साल के करंट अफेयर्स पर अपना कमांड करें. इसके अलावा बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा है तो जरूरी है कि बिहार सरकार की नीतियों को भी गहनता से अध्ययन करें.
नेगेटिव मार्किंग का रखें ध्यान: बिहार सरकार की कौन सी नीति किसके लिए लाई गई है और क्या फायदा हुआ है यह सब जानना जरूरी है. इस बार तीन गलती पर 1 मार्क्स कट जाएंगे, यानी की नेगेटिव मार्किंग है. ऐसे में जरूरी है कि अभ्यर्थी तुक्केबाजी नहीं करें और जो आता है वही क्वेश्चन टच करें. यह तय है कि नेगेटिव मार्किंग के कारण कट ऑफ बहुत हाई नहीं होता है. इस पैटर्न पर अपनी तैयारी करेंगे तो क्वालीफाई करने के आसार अधिक हैं.