पटना: बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में यूजीसी के मापदंड (UGC Norms in Universities) के अनुसार बहाल किए गए हैं. वहीं अतिथि सहायक प्राध्यापकों को हटाए जाने को लेकर आज प्रदर्शन किया जा रहा है. पटना के जेपी गोलंबर पर हजारों की संख्या में अतिथि सहायक प्राध्यापक अपनी मांग के लिए आवाज उठाते नजर आए. विभिन्न विश्वविद्यालयों में यूजीसी के मापदंड पर पिछले 7 वर्षों से बहाल अतिथि सहायक प्राध्यापकों को हटाए जाने के खिलाफ जेपी गोलंबर चौक पर पूरे बिहार से आए अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने आज विधानसभा मार्च निकाला. जहां पुलिस प्रशासन के द्वारा उन्हें पटना के जेपी गोलंबर पर ही रोक दिया गया.
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18 प्राध्यापकों को हटाए जाने की संभावना: पूरे बिहार से पहुंचे अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने अपनी मांगों को रखा है. जिसमें उनका साफ तौर से कहना है कि हम लोगों को परमानेंट किया जाए. साथ ही ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से 18 प्राध्यापकों को हटाए जाने की संभावना है, जिसे लेकर वह प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 1972 के बाद बिहार में किसी भी विश्वविद्यालय में लविंग शैक्षणिक पदों पर सृजन नहीं हुआ है. यहां तक कि 2012 में पदों में कमी भी कर दी गई थी जिसको लेकर आज वह लोग हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे हैं.
शिक्षकों को परमानेंट करें सरकार: अलीगंज के माले के विधायक संदीप सौरभ ने साफतौर से कहा कि अतिथि शिक्षकों की मांग को हमने विधानसभा में भी उठाया था. अगर सरकार यह नहीं सुनती है तो आगे और प्रदर्शन किया जाएगा. साफ तौर से संदीप सौरभ ने कहा कि इन लोगों की जो भी मांग है वह जायज है. सरकार को इन लोगों को परमानेंट कर देना चाहिए.
"अतिथि सहायक प्राध्यापकों की मांग को हमने विधानसभा में भी उठाया था. अगर सरकार यह नहीं सुनती है तो आगे और प्रदर्शन किया जाएगा. इन लोगों की जो भी मांग है वह जायज है."-संदीप सौरभ, विधायक, पालीगंज