पटना: राज्य में 4500 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर बहाली आने वाली है. इस बहाली के लिए जो नियमावली तय की गई है और उसमें जो आहर्ता है उसको लेकर राज्य के अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है. इसी नाराजगी को लेकर गुरुवार को राज्य के विश्वविद्यालयों में गेस्ट शिक्षक के तौर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया था. जिस पर प्रशासन की ओर से प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां चटकाई गई थी. कई महिला शिक्षकों को भी लाठिया पड़ी थी. शुक्रवार को इसी के विरोध में पटना विश्वविद्यालय के गेट पर अतिथि शिक्षकों ने सांकेतिक रूप से धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया.
बनेगी गेस्ट टीचरों की कोआर्डिनेशन कमेटी
पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज में इतिहास विभाग के गेस्ट शिक्षक डॉ मायानंद ने कहा की लोकतंत्र में सरकार की नीतियों का विरोध करना हमारा अधिकार है. लेकिन प्रशासन ने गुरुवार के दिन विरोध कर रहे अतिथि शिक्षकों पर जिस प्रकार से लाठियां बरसाई वह विरोध प्रदर्शन दबाने के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने का प्रयास था. सभी लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि महिला शिक्षकों पर जिस प्रकार से प्रशासन ने लाठियां बरसाईं वह दुर्भाग्यपूर्ण और अशोभनीय है. इसी के विरोध में वह पटना विश्वविद्यालय के गेट पर सांकेतिक तौर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब एक कोआर्डिनेशन कमेटी गेस्ट टीचरों की बनेगी और यह कमेटी तय करेगी कि आगे अब क्या कुछ करना है.
हटायी जाए शैक्षणिक अनिवार्यता
प्रो. माया नंद ने कहा कि राज्य में लगभग 4,500 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली आने वाली है. इस बहाली के लिए जो अहर्ता रखी गई है उसको लेकर राज्य के अभ्यर्थियों में कई चिंताएं हैं. उन्होंने कहा कि जो अहर्ता रखी गई है उससे राज्य के अभ्यर्थियों का हक मारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि इस बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति लागू की जाए. अगर यह लागू नहीं किया गया तो राज्य में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भर जाएंगे.
उन्होंने कहा इसके साथ ही उनकी मांग है कि शैक्षणिक अनुभव के लिए 10 नंबर देने का जो प्रावधान है उसे हटाया जाए क्योंकि राज्य में गेस्ट फैकल्टी का कार्यकाल 11 महीने का है. जबकि 1 साल होने पर दो नंबर मिलता है इसलिए राज्य के अभ्यर्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि बाहर के विश्वविद्यालयों में जो एडहॉक टीचर होते हैं उनका सर्विस कंटीन्यूअस होता है. ऐसे में अगर वह 5 साल पूरे कर लेते हैं तो उन्हें पूरे 10 के 10 नंबर मिलेंगे. वहीं राज्य में एडहॉक टीचरों का सर्विस हमेशा ब्रेक होता रहता है. इस कारण इसका लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि शैक्षणिक अनिवार्यता को हटाकर नेट को अनिवार्य किया जाए.