पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण की बला नई है लेकिन बाढ़, वो कई सालों से प्रदेश में कहर बरपाती रही है. इस साल भी प्रदेश के 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. इन जिलों की तकरीबन 30 लाख आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ प्रभावित जिलों की समुचित रिपोर्ट आपको दिखा रहा है.
पश्चिम चंपारण, गोपागंज, पूर्वी चंपारण, खगड़िया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सारण, समस्तीपुर जिलों को बाढ़ ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. आपदा प्रबंधन विभाग की माने तो इन जिलों के 101 प्रखंड के 837 पंचायत बाढ़ग्रस्त हैं. इन पंचायतों के 29 लाख 62 हजार 653 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है.
गोपालगंज में बाढ़ का कहर
ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. यहां कई तटबंध टूट गए हैं. सिधवलिया प्रखंड स्थित बुचिया पंचायत के विशुनपुरा गांव से बाढ़ की भयावह तस्वीर सामने आई हैं. गांव की गीता देवी कहती हैं, 'अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं आया है. कई दिनों से पानी भरा हुआ है. आपका धन्यवाद कि आप यहां आए और हमारी खबर ले रहे हैं.' इतना कहते ही उनकी आंखें भर आती हैं.
- गोपालगंज में सारण मुख्य बांध के टूट जाने से मांझा, बरौली, वैकुंठपुर, सिधवलिया कुचायकोट प्रखंड बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं.
सारण के 107 गांव प्रभावित
सारण जिले के 5 प्रखंडों पानापुर, तरैया, परसा, मकेर और मथुरा के कुल 30 पंचायतों के 107 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रभावित गांव में 73 गांव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं. प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. कुल 11 मोटर बोट लगाए गए हैं. 54 स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था कराई गई है. जहां पर 30 हजार 900 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. यहां चिलझपटी गांव टापू बना नजर आ रहा है.
मुजफ्फरपुर में उफनाई बूढ़ी गंडक
बूढ़ी गंडक में उफान के कारण मुजफ्फरपुर के कई पंचायतों में बाढ़ ग्रस्त हो गए हैं. बंदरा प्रखंड के बगाही में रिंग तटबंध टूट गया है. नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का संकट गहराने लगा है. नदी के तेज धार के बीच बंदरा प्रखंड के बड़गांव पंचायत के बगाही में बूढ़ी गंडक का रिंग बांध देर रात करीब 50 फीट टूट कर बह गया. बांध टूटने की वजह से करीब 200 परिवार पानी में घिर गए हैं. बांध के दोनों तरफ आबादी और कई मवेशी फंसे हुए हैं.
कटिहार में घुस रहा बाढ़ का पानी
कटिहार के कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. इस कारण फलका प्रखंड क्षेत्र के कई इलाकों में नदी का पानी घुसने लगा है. हथवाड़ा पंचायत के हजारों लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं. वे धीरे-धीरे सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं. फलका प्रखंड का हथवाडा पंचायत पूरी तरह से जलमग्न हो गया है.
मधुबनी में कमला बलान उफान पर
मधुबनी में नदियां एक बार फिर उफान पर बह रही हैं. कमला, कोसी, भुतही, धौस, गागन सभी नदियां उफान पर है. वहीं कमला नदी खतरे के निशान से जयनगर में 56 सेंटीमीटर तो झंझारपुर में एक मीटर 85 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. कमला बलान नदी का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. बाढ़ का पानी पहले ही कई गावों में घुस चुका है.
मधुबनी का चिलझपटी गांव बना टापू
मधुबनी के सुगौली प्रखंड का चिलझपटी बांध टोला टापू बना हुआ है. सिकरहना नदी के तटबंध के टूटने के बाद गांव में पानी घुस गया है. तकरीबन 500 से ज्यादा आबादी वाले इस गांव में ग्रामीण मुसीबत में हैं.
दरभंगा के 661 गांव बाढ़ की चपेट में
दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन के मुताबिक जिले के 14 प्रखंड के कुल 162 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. जिनमें 108 पंचायत पूर्णतः और 54 पंचायत अंशतः प्रभावित हैं. जिनमें 661 गांव के 12 लाख 68 हजार 120 परिवार प्रभावित हुए हैं. सभी प्रभावित स्थानों पर प्रभावित व्यक्तियों के लिए सामुदायिक रसोई चलाकर भोजन की व्यवस्था कराई गयी है.
खगड़िया के 67 गांव पूरी तरह जलमग्न
नदियों से घिरा खगड़िया इस साल भी बाढ़ का दंश झेल रहा है. जिले में कोसी और बागमती नदी उफान पर बह रही हैं. दोनों के जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. जिले में अब तक 7 प्रखंड की 21 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित 21 पंचायत के 67 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. खगड़िया के मानसी प्रखंड के हियादपुर गांव कोसी और बागमती के पानी से पूरी तरह से डूब चुका है.
समस्तीपुर की कई पंचायतें बाढ़ प्रभावित
समस्तीपुर के कलौजर, नामापुर, बेलसंडी, तीरा, बरहेता, कुढ़बा, खरसंडपश्चमी सहित आदि पंचायतों के लगभग दर्जनों गांव में पानी प्रवेश हो गया है. इसके कारण लोग अपना घर छोड़कर तटबंध पर शरण लेने को विवश हैं. यहां के करीब 200 से अधिक परिवार जटमलपुर बागमती नदी के तटबंध पर शरण ले चुके हैं.
नदियों का जलस्तर
जल संसाधन विभाग बिहार के जारी आंकड़ों के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर भागलपुर के कहलगांव में डेंजर लेवल को पार कर चुका है. यहां डेंजर लेवल 31.09 मीटर है और गंगा 31.24 मीटर पर बह रही है.
बागमती और अधवारा का जलस्तर
बागमती नदी सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में कहर बरपाती दिख रही है. नदी ने डेंजर लेवल क्रॉस कर लिया है. सीतामढ़ी में डंजर लेवल 70.10 मीटर है नदी यहां 70.62 मीटर पर बह रही है.
वहीं, अधवारा की बात की जाए, तो नदी सीतामढ़ी के पुपरी और सुंदरपुर में डेंजर लेवल को पार कर चुकी है. यहां डेंजर लेवल 61.70 मीटर है और नदी 62.80 मीटर पर बह रही है.
बूढ़ी गंडक, कमला बलान, घाघरा और खिरोई
मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और खगड़िया में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान के पार बह रही है. मुजफ्फरपुर के सिंकदरपुर में डेंजर लेवल 52.53 है और नदी 53.78 पर बह रही है. बात करें कमला बलान की, तो मधुबनी में नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. यहां 67.75 डेंजर लेवल है और कमला बलान 68.40 मीटर पर बह रही है.
सिवान में घाघरा का जलस्तर डेंजर लेवल के पास है. वहीं दरभंगा में खिरोई नदी डेंजर लेवल को पार कर चुकी है.
महानंदा, पुनपुन, लालबकैया और भुतही बलान
किशनगंज और पूर्णिया में महानंदा का डेंजर लेवल के पार बह रही है. यहां डेंज्र लेवल 66 मीटर है. वहीं, नदी का बहाव 66.10 मीटर है. दूसरी ओर पटना में पुनपुन, ईस्ट चंपारण में लालबकैया और मधुबनी में भुतही बलान का जलस्तर डेंजर लेवल के बेहद नजदीक है.
12 जिलों में मुस्तैद है NDRF की 21 टीम
इस बीच 'आपदा सेवा सदैव सर्वत्र' मंत्र के साथ एनडीआरएफ की 21 टीमें लोगों की मदद के लिए लगी हुई है. अब तक एनडीआरएफ की टीमों ने गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, दरभंगा और सुपौल जिलों में रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर बाढ़ आपदा में फंसे लगभग 7 हजार लोगों और सैकड़ों मवेशियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है.