पटना : बिहार की राजधानी पटना से सटे बिहटा के अमहरा स्थित आईआईटी पटना परिसर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय शिक्षण मंडल और आईआईटी पटना के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका को लेकर किया जा रहा. जहां मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल हुए.
इसे भी पढ़े- Governor Rajendra Vishwanath Arlekar : 'किसानों को सम्मान देने से बढ़ेगा देश'..छपरा में बोले राज्यपाल
राज्यपाल ने किया दीप प्रज्वलित: इस दौरान पटना आईआईटी के निदेशक प्रो. टीएन सिंह के अलावा आइजीआइएमएस पटना के निर्देशक प्रो. बिंदे कुमार और आईआईएम बोधगया के निर्देशक प्रो विनिता सहाय आदि लोग मौजूद थे. कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम की शुभारंभ होने के बाद आईआईटी पटना के निदेशक ने राज्यपाल को अंगवस्त और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया. वहीं एकदिवसीय कार्यशाला में देशभर के तमाम शिक्षाविद और कई आईआईटी और अन्य शिक्षा संस्थान के प्रोफेसर भी शामिल थे.
निचले स्तर तक कार्य करने की जरूरत: इधर, कार्यशाला को लेकर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि तमाम शैक्षणिक संस्थानों को नए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत निचले स्तर तक कार्य करने की जरूरत है. भारतीय शिक्षण मंडल और आईआईटी पटना के द्वारा इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो काफी अच्छा है. उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह से विश्व में आगे बढ़ रहा है, देश हर चुनौतियों को पार लेगा. इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरे देश के शैक्षणिक संस्थान को अपनाने की जरूरत है.
कई शिक्षक और प्रोफेसर रहे मौजूद: वहीं एक दिवसीय कार्यशाला को लेकर पटना आईआईटी के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षा मंडल और आईआईटी पटना के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर शिक्षाविदों के साथ कार्यशाला में बात करें और इसको लेकर क्या चुनौतियां हैं उस पर भी चर्चा करें. इस पर चर्चा की जाएगी साथ उन्होंने बताया कि आईआईटी पटना ने नए साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपना लिया है. इस कार्यशाला में बिहार के तमाम शिक्षा संस्थान के शिक्षक और प्रोफेसर के अलावा अधिकारी भी शामिल है.