पटना: राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन के दरबार हॉल में गुजरात आईआईआईटी के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद करते हुए कहा कि बिहार के लोग प्रतिभाशाली और परिश्रमी हैं. वे कला, संस्कृति, शिक्षा और उद्यमिता सभी क्षेत्रों में आगे हैं. प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी यहां के विद्यार्थी बड़ी संख्या में सफल होते हैं. ये विद्यार्थी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अंतर्गत ‘युवा संगम तृतीय चरण’ कार्यक्रम के तहत बिहार की यात्रा पर हैं. जिनको संबोधित करते हुए गवर्नर ने कहा कि बिहार की वास्तविक स्थिति और इसकी नई छवि के बारे में गुजरात के लोगों को बताएं.
राज्यपाल ने बिहार के बारे में विस्तार से बताया: राज्यपाल ने कहा कि बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी समृद्ध है. इस राज्य का संबंध भगवान बुद्ध, महावीर, चाणक्य, चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे महापुरूषों से रहा है. यहां माता सीता, गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म हुआ. महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से सत्याग्रह की शुरूआत की थी. आदि शंकराचार्य ने यहां शास्त्रार्थ किया था. प्राचीनकाल में नालंदा विश्वविद्यालय शिक्षा का महत्वपूर्ण केन्द्र था. बिहार का गया मोक्षधाम के रूप में विख्यात है. वैशाली विश्व में लोकतंत्र की जननी है. राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को बिहार की लीची और मखाना के बारे में भी बताया.
लक्ष्य के प्रति निष्ठावान और समर्पित होने की अपील: राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उनसे अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठावान एवं समर्पित होने को कहा. उन्होंने विद्यालयों में विद्यार्थियों द्वारा अपने देश के संबंध में प्रतिज्ञा लेने की चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी भारतमाता की संतान हैं. यही हमारी एकता का सूत्र है, जिसे सुदृढ़ बनाने की जरूरत है. एकता के कारण ही भारत श्रेष्ठ है. राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिए. इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, आईआई आईटी, सूरत, गुजरात एवं आईआईएम, बोधगया के विद्यार्थीगण, प्राध्यापकगण, राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारी उपस्थित थे.
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