पटना: राजभवन ने शिक्षा विभाग के आदेशों को असंवैधानिक बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की है. बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा लगातार जारी किए जा रहे विवादित आदेशों को लेकर राज्यपाल विश्वनाथ अर्लेकर ने बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने शिक्षा विभाग के द्वारा कई आदेशों को बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक बताते हुए उसे रद्द करने की सिफारिश की है. राज्यभवन ने इन आदेशों को असंवैधानिक और विश्वविद्यालय अधिनियम के खिलाफ बताया है.
राजभवन ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र: बिहार के विधान पार्षद जिनके खिलाफ केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने वेतन रोकने सहित अन्य कार्रवाई की है. उसको लेकर राजभवन की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर असंवैधानिकऔर अलोकतांत्रिक बताया है. राज्यभवन ने यहां तक कहा कि उक्त आदेशों से ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग राज्य के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करना चाहता है. राज्यपाल ने प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु और मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिखा है.
एमएलसी की मांग पर कार्रवाई : बता दें, 19 दिसंबर को सूबे के 25 विधान पार्षदों ने राज्यपाल से मिलकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की शिकायत की थी. शिकायत करने वालों में सबसे ज्यादा विधान पार्षद सत्तापक्ष के ही थे. विधान पार्षदों ने कहा था कि केके पाठक अब विधान पार्षदों पर भी कार्रवाई कर रहे हैं.
विधान पार्षद भी सीएम नीतीश से की मुलाकात: वहीं कई विधान पार्षद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिले हैं. ऐसे तो यह मुलाकात नीतीश सरकार की ओर से नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने के फैसले को लेकर बधाई देने के लिए हुई, लेकिन इसमें विधान पार्षदों ने शिक्षा विभाग के आर्डर को लेकर भी नीतीश कुमार से शिकायत की है. ऐसे राज्यपाल के निर्देश पर राजभवन की ओर से भेजे गए पत्र के बाद अब देखना है मुख्य सचिव क्या इस मामले में कोई एक्शन लेते हैं.
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