पटना: मंत्री रामसूरत राय को लेकर बिहार में राजनीति ऊफान पर है. राजद इस मुद्दे को भुनाने में जुटी हुई है. राजद विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद विधायकों ने राजभवन मार्च किया. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष की बातों को विधानसभा अध्यक्ष नहीं सुनते हैं.
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तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वे जदयू और भाजपा के लिए काम कर रहे हैं. वह तो यहां तक बोल गए कि सदन जेडीयू और बीजेपी का दफ्तर हो गया है. वहां सही बातों को नहीं रखने दिया जा रहा है. साक्ष्य होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सदन की पटल पर मंत्री रामसूरत राय के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा साक्ष्य रखने जा रहे थे, जिसे नहीं रखने दिया गया. मंत्री विधानसभा अध्यक्ष को डांटते हैं, उन्हें क्या करना है इसकी जानकारी देते हैं.
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इससे पहले भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी दल रामसूरत की इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं. विधानसभा में हंगामा करने के बाद राजद के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के सामने बैठकर हंगामा करने लगे. काफी देर तक उनका प्रदर्शन चला.
राजद विधायकों का कहना है कि उनकी बातों को सदन में नहीं सुना जाता है. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा पर राजद विधायकों ने पक्षपात करने का भी आरोप लगाया. राजद विधायकों ने कहा कि मजबूरन वे लोग विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के सामने बैठे हैं.
शनिवार सुबह में तेजस्वी ने संवाददाता सम्मेलन करके कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अंतरात्मा कई बार बदलती रहती है. लेकिन राजस्व मंत्री की जमीन से बरामद शराब के मामले पर सही से जांच होनी चाहिए. कोई कुछ भी दावा कर सकता है. अभी तक मंत्री रामसूरत राय का पक्ष सुना जा रहा था. लेकिन सच का पता दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही चल सकता है. वे निर्दोष हैं तो एग्रीमेंट पेपर पेश करें.
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'बच नहीं सकते राजस्व मंत्री'
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उस जमीन पर संचालित स्कूल के संस्थापक मंत्री रामसूरत राय हैं और व्यवस्थापक उनके भाई हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह स्कूल मंत्री के पिता के नाम पर चल रहा था, इसलिए वे दावा नहीं कर सकते कि स्कूल से उनका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि लीज पर किसी की जमीन लेकर कोई जमीन के मालिक के नाम पर स्कूल नहीं खोलता. इसलिए राजस्व मंत्री इससे बच नहीं सकते.