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पुलिस के डर से सड़क पर तड़पकर हार न जाए जिंदगी.. बचाने वाले को सरकार देगी 5000 का इनाम

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Published : Oct 19, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 5:50 PM IST

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को हादसे के एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को सरकार 5 हजार रुपये का पुरस्कार देगी. इसका उद्देश्य घायल व्यक्ति को समय पर इलाज मुहैया कराना है. पढ़ें पूरी खबर...

Road accident
सड़क हादसा

पटना: सड़क हादसे (Road Accident) के चलते बिहार में हर साल 6-7 हजार लोगों की मौत हो जाती है. मौत का सबसे बड़ा कारण समय पर इलाज नहीं मिलना है. हादसे के बाद घायल सड़क पर पड़े तड़पते रहते हैं, लेकिन लोग मदद नहीं करते. देखने वालों की भीड़ तो जुट जाती है, लेकिन पुलिस के पचड़े में पड़ने के डर से कम ही लोग घायलों को अस्पताल पहुंचाने की पहल करते हैं.

यह भी पढ़ें- 'आज छोटी मछली फंसी है, जब सरकार में आएंगे तो भ्रष्ट 'खिलाड़ियों' को पकड़ेंगे'

लोग घायल की मदद करें इसके लिए सरकार ने प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि घायल की मदद करने वाले को पुलिस परेशान नहीं करेगी. इसके साथ ही उन्हें 5 हजार रुपये का 'गुड सेमेरिटन' अवॉर्ड (Good Samaritan Award) भी मिलेगा. अवॉर्ड देने का उद्देश्य है कि लोग घायलों को जल्द से जल्द नजदीक के अस्पताल पहुंचाएं. अगर घायल को गोल्डन आवर (दुर्घटना के बाद का पहला एक घंटा) के दौरान अस्पताल पहुंचा दिया जाता है तो उसकी जान बचने की संभावना अधिक रहती है.

हादसे में मौत की बड़ी वजह शरीर से खून का बहना होता है. घायल व्यक्ति के शरीर से लगातार खून बहता रहता है. इसलिए उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की जरूरत होती है. समय पर अस्पताल पहुंचाने से जान बचाई जा सकती है. घायल के लिए हादसे के बाद का एक घंटा काफी कीमती होता है. इसे गोल्डन आवर भी करते हैं. गोल्डन आवर के महत्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो लोग सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की जान बचाएंगे, उन्हें पुलिस द्वारा परेशान नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें सम्मानित करना चाहिए.

ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

बता दें कि बिहार में हर साल 6-7 हजार लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है. जून 2021 तक राज्य में हुए 5016 सड़क हादसों में 4040 लोगों की मौत हुई. 2020 में 8633 सड़क हादसे हुए, जिनमें 6634 लोगों की जान गई. 2019 में हुए 10007 सड़क हादसों ने 7205 लोगों की जान ले ली. गोल्डन आवर के दौरान घायल को प्राथमिक उपचार मिल जाए इसके लिए सबसे पहले बिहार में प्रयास शुरू हुए. 26 जनवरी और 15 अगस्त को ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाता है जो सड़क दुर्घटना में लोगों की जान बचाते हैं और उन्हें अस्पताल पहुंचाते हैं. बिहार में 2020 से ही गुड सेमेरिटन अवॉर्ड के तहत सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले को सम्मानित किया जाता है, लेकिन अब केंद्र सरकार की योजना के तहत ऐसे अच्छे मददगारों को प्रमाण पत्र के साथ 5 हजार रुपये का नगद पुरस्कार भी मिलेगा.

सरकार ने गुड सेमेरिटन अवॉर्ड की शुरुआत इसलिए की है, क्योंकि अक्सर सड़क दुर्घटना होने पर लोग घायलों की मदद के लिए आगे नहीं आते. उन्हें डर होता है कि जब मदद को जाएंगे तो पुलिस अनावश्यक पूछताछ करेगी और कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पड़ सकते हैं. यही वजह है कि लोग घायलों की मदद को आगे नहीं आते और सही समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से घायल व्यक्ति की मौत हो जाती है.

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसे लेकर एक योजना शुरू की है, जिसके तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में अस्पताल ले जाने वाले को 5 हजार का नगद पुरस्कार मिलेगा. इस योजना को 15 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू किया गया है. बिहार की परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि बिहार में सड़क हादसों में घायलों की मदद करने वाले लोगों को हम पहले से सम्मानित करते रहे हैं. अब उन्हें 5 हजार नगद भी मिलेगा. इससे घायल लोगों को सही समय पर प्राथमिक उपचार देने में मदद मिलेगी. लोग प्रोत्साहित होंगे तो समय पर घायलों की मदद कर पाएंगे.

गुड सेमेरिटन अवॉर्ड योजना का उद्देश्य मदद करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना है ताकि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तुरंत और जरूरी इलाज मिल सके. नगद पुरस्कार के साथ व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र भी मिलेगा. यही नहीं, इनाम पाने वाले सबसे योग्य और अच्छे लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर के 10 इनाम भी रखे गए हैं, जिसके तहत 10 लोगों को 1 लाख रुपये मिलेंगे. इस योजना के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुरुआती अनुदान के रूप में 5 लाख देगा.

इस अवॉर्ड के तहत अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना के बारे में पुलिस को सूचना देता है और डॉक्टर से कंफर्म करने के बाद पुलिस ऐसे नागरिक को एक आधिकारिक लेटर पैड पर लिखकर उसके काम को प्रमाणित करेगी तो उसकी एक कॉपी पुलिस थाने द्वारा जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी, जिसके बाद मदद करने वाले व्यक्ति को अवॉर्ड मिल सकेगा. यदि कोई व्यक्ति घायल को खुद अस्पताल लेकर जाता है तो इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन खुद पुलिस को देगा, जिसके बाद उस व्यक्ति को प्रमाणित करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. एक व्यक्ति एक साल में गुड सेमेरिटन अवॉर्ड 5 बार पा सकता है.

बता दें कि केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है. इनमें से बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है, अगर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा मिल जाए. जब भी कोई दुर्घटना होती है तो लोग पुलिस के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन अगर मौके पर मौजूद व्यक्ति घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचा दे तो उसकी जान बच सकती है. यही वजह है कि सरकार गुड सेमेरिटन अवॉर्ड के तहत नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देने के साथ मदद करने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह की पूछताछ से छूट का मौका भी दे रही है.

यह भी पढ़ें- जेल में बंद भतीजे मुकेश पांडे के समर्थन में MLA पप्पू पांडे ने झोंकी ताकत, शुरू किया जनसंपर्क अभियान

पटना: सड़क हादसे (Road Accident) के चलते बिहार में हर साल 6-7 हजार लोगों की मौत हो जाती है. मौत का सबसे बड़ा कारण समय पर इलाज नहीं मिलना है. हादसे के बाद घायल सड़क पर पड़े तड़पते रहते हैं, लेकिन लोग मदद नहीं करते. देखने वालों की भीड़ तो जुट जाती है, लेकिन पुलिस के पचड़े में पड़ने के डर से कम ही लोग घायलों को अस्पताल पहुंचाने की पहल करते हैं.

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लोग घायल की मदद करें इसके लिए सरकार ने प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि घायल की मदद करने वाले को पुलिस परेशान नहीं करेगी. इसके साथ ही उन्हें 5 हजार रुपये का 'गुड सेमेरिटन' अवॉर्ड (Good Samaritan Award) भी मिलेगा. अवॉर्ड देने का उद्देश्य है कि लोग घायलों को जल्द से जल्द नजदीक के अस्पताल पहुंचाएं. अगर घायल को गोल्डन आवर (दुर्घटना के बाद का पहला एक घंटा) के दौरान अस्पताल पहुंचा दिया जाता है तो उसकी जान बचने की संभावना अधिक रहती है.

हादसे में मौत की बड़ी वजह शरीर से खून का बहना होता है. घायल व्यक्ति के शरीर से लगातार खून बहता रहता है. इसलिए उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की जरूरत होती है. समय पर अस्पताल पहुंचाने से जान बचाई जा सकती है. घायल के लिए हादसे के बाद का एक घंटा काफी कीमती होता है. इसे गोल्डन आवर भी करते हैं. गोल्डन आवर के महत्व को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो लोग सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की जान बचाएंगे, उन्हें पुलिस द्वारा परेशान नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें सम्मानित करना चाहिए.

ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

बता दें कि बिहार में हर साल 6-7 हजार लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है. जून 2021 तक राज्य में हुए 5016 सड़क हादसों में 4040 लोगों की मौत हुई. 2020 में 8633 सड़क हादसे हुए, जिनमें 6634 लोगों की जान गई. 2019 में हुए 10007 सड़क हादसों ने 7205 लोगों की जान ले ली. गोल्डन आवर के दौरान घायल को प्राथमिक उपचार मिल जाए इसके लिए सबसे पहले बिहार में प्रयास शुरू हुए. 26 जनवरी और 15 अगस्त को ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाता है जो सड़क दुर्घटना में लोगों की जान बचाते हैं और उन्हें अस्पताल पहुंचाते हैं. बिहार में 2020 से ही गुड सेमेरिटन अवॉर्ड के तहत सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले को सम्मानित किया जाता है, लेकिन अब केंद्र सरकार की योजना के तहत ऐसे अच्छे मददगारों को प्रमाण पत्र के साथ 5 हजार रुपये का नगद पुरस्कार भी मिलेगा.

सरकार ने गुड सेमेरिटन अवॉर्ड की शुरुआत इसलिए की है, क्योंकि अक्सर सड़क दुर्घटना होने पर लोग घायलों की मदद के लिए आगे नहीं आते. उन्हें डर होता है कि जब मदद को जाएंगे तो पुलिस अनावश्यक पूछताछ करेगी और कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पड़ सकते हैं. यही वजह है कि लोग घायलों की मदद को आगे नहीं आते और सही समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से घायल व्यक्ति की मौत हो जाती है.

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसे लेकर एक योजना शुरू की है, जिसके तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में अस्पताल ले जाने वाले को 5 हजार का नगद पुरस्कार मिलेगा. इस योजना को 15 अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू किया गया है. बिहार की परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि बिहार में सड़क हादसों में घायलों की मदद करने वाले लोगों को हम पहले से सम्मानित करते रहे हैं. अब उन्हें 5 हजार नगद भी मिलेगा. इससे घायल लोगों को सही समय पर प्राथमिक उपचार देने में मदद मिलेगी. लोग प्रोत्साहित होंगे तो समय पर घायलों की मदद कर पाएंगे.

गुड सेमेरिटन अवॉर्ड योजना का उद्देश्य मदद करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना है ताकि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तुरंत और जरूरी इलाज मिल सके. नगद पुरस्कार के साथ व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र भी मिलेगा. यही नहीं, इनाम पाने वाले सबसे योग्य और अच्छे लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर के 10 इनाम भी रखे गए हैं, जिसके तहत 10 लोगों को 1 लाख रुपये मिलेंगे. इस योजना के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुरुआती अनुदान के रूप में 5 लाख देगा.

इस अवॉर्ड के तहत अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना के बारे में पुलिस को सूचना देता है और डॉक्टर से कंफर्म करने के बाद पुलिस ऐसे नागरिक को एक आधिकारिक लेटर पैड पर लिखकर उसके काम को प्रमाणित करेगी तो उसकी एक कॉपी पुलिस थाने द्वारा जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी, जिसके बाद मदद करने वाले व्यक्ति को अवॉर्ड मिल सकेगा. यदि कोई व्यक्ति घायल को खुद अस्पताल लेकर जाता है तो इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन खुद पुलिस को देगा, जिसके बाद उस व्यक्ति को प्रमाणित करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. एक व्यक्ति एक साल में गुड सेमेरिटन अवॉर्ड 5 बार पा सकता है.

बता दें कि केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है. इनमें से बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है, अगर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा मिल जाए. जब भी कोई दुर्घटना होती है तो लोग पुलिस के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन अगर मौके पर मौजूद व्यक्ति घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचा दे तो उसकी जान बच सकती है. यही वजह है कि सरकार गुड सेमेरिटन अवॉर्ड के तहत नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देने के साथ मदद करने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह की पूछताछ से छूट का मौका भी दे रही है.

यह भी पढ़ें- जेल में बंद भतीजे मुकेश पांडे के समर्थन में MLA पप्पू पांडे ने झोंकी ताकत, शुरू किया जनसंपर्क अभियान

Last Updated : Oct 19, 2021, 5:50 PM IST
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