पटना: मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि जहीरीली शराब से मौत मामले में अभी 30 से 32 पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया गया है. अभी और भी जिलों से रिपोर्ट आ रही है. उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी को मुआवजा दिया जाएगा. मंत्री के अनुसार 190 ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार हुई है जिसका वेरिफिकेशन हो रहा है. बता दें कि बिहार में 2016 से पूर्ण शराब बंदी लागू है.
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पोस्टमार्टम नहीं होने पर भी मुआवजाः मंत्री सुनील कुमार ने कहा जिनका पोस्टमार्टम हुआ है उनके परिजनों को तो हम जरूर मुआवजा देंगे, जिनका पोस्टमार्टम नहीं हुआ है वे लोग भी अपना आवेदन जिला पदाधिकारी को दे सकते हैं. परिस्थिति जन साक्ष्य जैसे कि चौकीदार, लोकल लोग और श्राद्ध कार्यक्रम के फोटो या फिर अंत्येष्टि के फोटो के आधार पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में मुआवजा देने में कुछ समय लग सकता है लेकिन जहां पोस्टमार्टम उपलब्ध है ऐसे जिलों से रिपोर्ट आएगी हम लोग वहां मुआवजा देते जाएंगे.
"अभी हम लोग जो वेरिफिकेशन कर रहे हैं. उसमें 180 से 190 लोगों की जानकारी मिली है. इससे कुछ संख्या बढ़ भी सकती है. जिनकी पोस्टमार्टम की गई है जिलों के जिलाधिकारी से इनकी रिपोर्ट हम लोगों ने मांगा है. रिपोर्ट मिलने के बाद उनके परिजनों को मुआवजा देंगे"- सुनील कुमार, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री
बिहार में है शराबबंदीः बता दें कि बिहार सरकार ने इसी साल जहरीली शराब से मौत मामले में चार लाख मुआवजा देने का फैसला लिया है. कैबिनेट में भी इस पर मुहर लगी है. पहले चरण में नालंदा और मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से हुई मौत मामले में पीड़ित परिवार के लोगों को मुआवजा दी गई है. बता दें कि बिहार में 2016 से पूर्ण शराब बंदी लागू है. इसके बाद भी जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है. पहले तो सरकार मुआवजा नहीं देने की बात पर अड़ी थी बाद में मुआवजा देने का फैसला लिया.