पटना: भाकपा माले के विधायक अजीत कुशवाहा ने विधानसभा बजट सत्र के दसवें दिन भोजपुरी भाषा के फूहड़ गानों पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा को फूहड़ गानों से बदनाम किया जा रहा है. सरकार इन गानों पर प्रतिबंध लगाए.
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बक्सर के डुमरांव से भाकपा माले विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि भोजपुरी भाषा को बदनाम किया जा रहा है. इसे रोकने के लिए सरकार को भोजपुरी के फूहड़ गानों पर रोक लगानी चाहिए. आजकल देखा जा रहा है कि भोजपुरी भाषा में ज्यादातर फूहड़ता परोसी जा रही है. अब तो यहां तक जाति और धर्म पर भी गाने बनने लगे हैं. इस गानों के माध्यम से कुछ लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है. इसलिए ऐसे गानों पर रोक लगाने की जरूरत है.
अजीत कुशवाहा ने कहा कि भोजपुरी भाषा का गौरवशाली इतिहास रहा है. आजकल जातीय आधार पर गाना बन रहे हैं, जिससे समाजिक सद्भाव बिगड़ रहा है. सदन और सरकार से मांग है कि ऐसे गाने बनाने और गाने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. इस तरह के गानों पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनना चाहिए.
फूहड़ गानों के गायकों पर हो कार्रवाई
अजीत कुशवाहा ने कहा "मनोज तिवारी, पवन सिंह, खेसारी लाल यादव, दिनेश लाल यादव जैसे गायक भोजपुरी गाना गाकर बुलंदी पर पहुंचे. ये लोग भोजपुरी भाषा के गानों को तार-तार कर रहे हैं. आजकल के गायक भोजपुरी भाषा की हत्या कर उसके कब्र पर खड़ा होकर डांस कर रहे हैं. ये आगे बढ़ गए, लेकिन भोजपुरी भाषा पीछे चली गई. भोजपुरी भाषा को इन लोगों ने बदनाम किया है. इन्हें कभी समाज माफ नहीं करेगा. जिस तरह से इन लोगों ने भाषा को बदनाम किया है. इनपर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए."
"पहले भोजपुरी बेल्ट में भोजपुरी की पढ़ाई होती थी. भोजपुरी की पढ़ाई वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में भी होती थी, लेकिन बाद में उसे बंद कर दिया गया. तब से हमलोग भोजपुरी भाषा की पढ़ाई चालू करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बार सरकार की तरफ से आश्वासन मिला है कि प्राइमरी स्कूलों में भोजपुरी और मैथिली भाषा की पढ़ाई होगी. सरकार ने आश्वासन दे दिया, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई खाका तैयार नहीं किया गया है. हम चाहते हैं कि पहले भोजपुरी भाषा को पूरी तरह से भाषा का दर्जा मिलना चाहिए. भोजपुरी भाषा का अपना व्याकरण है, शब्दकोश है, लेकिन इस भाषा की पहचान दिलाने के लिए सरकार की आवश्यकता है."- अजीत कुशवाहा, नेता, भाकपा माले