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बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की मांग- बैंक और जीएसटी की तर्ज पर बिहार सरकार बिजली बिल भुगतान में दे रियायत

बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी में दो महीने की रियायत दी है. बैंकों ने ईएमआई में भी 2 से 3 महीने की रियायत दी है. उसी तरह बिजली बिल के भुगतान में भी बिहार में सरकार को रियायत देनी चाहिए.

बिजली बिल भुगतान में दे रियायत
बिजली बिल भुगतान में दे रियायत
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Published : Apr 13, 2020, 4:47 PM IST

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बिहार समेत पूरे देश में लॉक डाउन है. लॉकडाउन आगे बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए बिहार में उद्योगपतियों ने सरकार से बिजली बिल भुगतान में भी रियायत देने की मांग की है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सरकार से उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में भी सहयोग की मांग की है.

'बिजली बिल भुगताने में रियायत दे सरकार'
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी में 2 महीने की रियायत दी है. बैंकों ने ईएमआई में भी 2 से 3 महीने की रियायत दी है. उसी तरह बिजली बिल के भुगतान में भी बिहार में सरकार को रियायत देनी चाहिए. वही फिक्स चार्ज के बारे में भी सरकार को विचार करना चाहिए. जिससे लॉकडाउन के दौरान ठप उद्योग को थोड़ी से राहत मिल सके.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कर्मियों को 75 फीसदी सैलरी दे सरकार'
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि हम बिजली का उपयोग ही नहीं कर रहे है. ऐसे में सरकार हमसे फिक्स चार्ज नहीं लेनी चाहिए. इस पर सरकार को विचार करनी चाहिए. वहीं, उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि सभी काम धंधे ठप पड़े हुए हैं. कर्मियों को वेतन देना मुश्किल हो गया है. इसलिए सरकार कंपनी कर्मीयों के वेतन वहन में अपना 75 फीसदी योगदान दें.

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बिहार समेत पूरे देश में लॉक डाउन है. लॉकडाउन आगे बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए बिहार में उद्योगपतियों ने सरकार से बिजली बिल भुगतान में भी रियायत देने की मांग की है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सरकार से उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में भी सहयोग की मांग की है.

'बिजली बिल भुगताने में रियायत दे सरकार'
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी में 2 महीने की रियायत दी है. बैंकों ने ईएमआई में भी 2 से 3 महीने की रियायत दी है. उसी तरह बिजली बिल के भुगतान में भी बिहार में सरकार को रियायत देनी चाहिए. वही फिक्स चार्ज के बारे में भी सरकार को विचार करना चाहिए. जिससे लॉकडाउन के दौरान ठप उद्योग को थोड़ी से राहत मिल सके.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कर्मियों को 75 फीसदी सैलरी दे सरकार'
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि हम बिजली का उपयोग ही नहीं कर रहे है. ऐसे में सरकार हमसे फिक्स चार्ज नहीं लेनी चाहिए. इस पर सरकार को विचार करनी चाहिए. वहीं, उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि सभी काम धंधे ठप पड़े हुए हैं. कर्मियों को वेतन देना मुश्किल हो गया है. इसलिए सरकार कंपनी कर्मीयों के वेतन वहन में अपना 75 फीसदी योगदान दें.

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