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जीविका दीदियों को भुगतान के लिए सरकार गंभीर: श्रवण कुमार - jivika group

कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार ने बिहार की जीविका दीदियों को कई काम दिए हैं. कई जगह से जीविका दीदियों को भुगतान में परेशानी की खबर आई है. इसपर ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि सरकार जीविका दीदियों को भुगतान के लिए गंभीर है.

Minister Shravan Kumar
मंत्री श्रवण कुमार
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Published : May 30, 2021, 3:52 PM IST

पटना: कोरोना महामारी (corona pandemic) की चुनौती से लड़ने के लिए राज्य सरकार अपने तमाम तंत्र का प्रयोग कर रही है. ग्रामीण इलाकों में जीविका समूह द्वारा लोगों को संक्रमण के बारे में जानकारी दी जा रही है और बचाव के काम किए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार : एंबुलेंस विवाद में ईटीवी भारत संवाददाता पर 10 पन्नों की FIR

राज्य में करीब 10 लाख से भी अधिक जीविका समूह हैं. इनसे 1 करोड़ 27 लाख परिवारों की महिलाएं जुड़ी हुई हैं. नीतीश कुमार के कार्यकाल में 2006 से जीविका समूह का गठन किया जा रहा है. वर्तमान समय में सरकार समय-समय पर जीविका समूह से कई तरह के काम लेती है. नीतीश सरकार इन्हें वॉलंटियर्स के तौर पर इस्तेमाल कर रही है.

देखें वीडियो

बड़े पैमाने पर मास्क बना रहीं जीविका दीदियां
कोरोना काल में जीविका दीदियों के द्वारा बड़े पैमाने पर मास्क बनाया जा रहा है. हालांकि कई जिलों से मास्क के बदले भुगतान को लेकर कठिनाई की खबरें आ रहीं हैं. इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा "जीविका दीदियों द्वारा बनाए जा रहे मास्क की खरीद पंचायती राज विभाग द्वारा किया जा रहा है. उनका भुगतान भी पंचायती राज विभाग द्वारा ही किया जाना है. अगर जीविका समूह के द्वारा किसी तरह की शिकायत मिलेगी तो तत्काल संबंधित अधिकारी से बात कर भुगतान कराया जाएगा."

मरीजों को खाना दे रहीं जीविका दीदियां
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा "राज्य के 10 बड़े जिला अस्पतालों में जीविका दीदियों द्वारा मरीजों को पका हुआ भोजन दिया जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच इस महामारी से जुड़ी जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही खेत में काम कर रहे मजदूरों को मास्क दिया जा रहा है और उन्हें सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और सोशल डिस्टेंस का पालन करने के बारे में बताया जा रहा है.''

"वर्तमान में राज्य का जीविका समूह काफी संबल हो चुका है. राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दिया जाने वाला भोजन बनाने का काम भी जीविका समूह को सौंप दिया है. इसके अलावा भी ग्रामीण इलाकों में कई तरह के काम से समूह को जोड़ा गया है. इसके कारण आज इस समूह से जुड़ी महिला को आत्मनिर्भर कहा जा सकता है."- श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग

यह भी पढ़ें- ETV Bharat के रिपोर्टर पर FIR को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा

पटना: कोरोना महामारी (corona pandemic) की चुनौती से लड़ने के लिए राज्य सरकार अपने तमाम तंत्र का प्रयोग कर रही है. ग्रामीण इलाकों में जीविका समूह द्वारा लोगों को संक्रमण के बारे में जानकारी दी जा रही है और बचाव के काम किए जा रहे हैं.

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राज्य में करीब 10 लाख से भी अधिक जीविका समूह हैं. इनसे 1 करोड़ 27 लाख परिवारों की महिलाएं जुड़ी हुई हैं. नीतीश कुमार के कार्यकाल में 2006 से जीविका समूह का गठन किया जा रहा है. वर्तमान समय में सरकार समय-समय पर जीविका समूह से कई तरह के काम लेती है. नीतीश सरकार इन्हें वॉलंटियर्स के तौर पर इस्तेमाल कर रही है.

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बड़े पैमाने पर मास्क बना रहीं जीविका दीदियां
कोरोना काल में जीविका दीदियों के द्वारा बड़े पैमाने पर मास्क बनाया जा रहा है. हालांकि कई जिलों से मास्क के बदले भुगतान को लेकर कठिनाई की खबरें आ रहीं हैं. इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा "जीविका दीदियों द्वारा बनाए जा रहे मास्क की खरीद पंचायती राज विभाग द्वारा किया जा रहा है. उनका भुगतान भी पंचायती राज विभाग द्वारा ही किया जाना है. अगर जीविका समूह के द्वारा किसी तरह की शिकायत मिलेगी तो तत्काल संबंधित अधिकारी से बात कर भुगतान कराया जाएगा."

मरीजों को खाना दे रहीं जीविका दीदियां
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा "राज्य के 10 बड़े जिला अस्पतालों में जीविका दीदियों द्वारा मरीजों को पका हुआ भोजन दिया जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच इस महामारी से जुड़ी जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही खेत में काम कर रहे मजदूरों को मास्क दिया जा रहा है और उन्हें सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और सोशल डिस्टेंस का पालन करने के बारे में बताया जा रहा है.''

"वर्तमान में राज्य का जीविका समूह काफी संबल हो चुका है. राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दिया जाने वाला भोजन बनाने का काम भी जीविका समूह को सौंप दिया है. इसके अलावा भी ग्रामीण इलाकों में कई तरह के काम से समूह को जोड़ा गया है. इसके कारण आज इस समूह से जुड़ी महिला को आत्मनिर्भर कहा जा सकता है."- श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग

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