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पटना: धड़ल्ले से लग रहे वाटर प्लांट्स कर रहे लाखों लीटर पानी का दोहन, प्रशासन बेखबर

बढ़ते बाजार को देखते हुए पटना में धड़ल्ले से मिनरल वाटर के कई प्लांट्स लगाए जा रहे है. इनसे रोजाना लाखों लीटर भू-जल का दोहन किया जा रहा है. लेकिन, सरकार को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.

जल का दोहन
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Published : Jul 15, 2019, 2:20 PM IST

पटना: सरकार लगातार आमलोगों से पानी के संरक्षण की अपील कर रही है, लेकिन यह अपील केवल खानापूर्ति लग रही है. मिनरल वाटर के दर्जनों प्लांट शहर में धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिसकी सरकार को कोई खबर नहीं है. इस बारे में जब पटना के जिलाधिकारी से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो तो उन्होंने भी कुछ नहीं बताया.

रोजाना लाखों लीटर भू-जल का दोहन
शहर हो या गांव मिनरल वाटर का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते बाजार को देखते हुए धड़ल्ले से मिनरल वाटर के कई प्लांट लगाए जा रहे हैं. इनसे रोजाना लाखों लीटर भू-जल का दोहन किया जा रहा है. सरकार भले हीं आने वाले समय में पानी के संकट से बचाव के लिए अभियान चलाने की बात कह रही है. लेकिन, वाटर प्लांट के द्वारा हो रहे भू-जल के दोहन से सरकार बिल्कुल अंजान है.

पटना में हो रहे पानी के दोहन से बेखबर है सरकार

क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
जिलाधिकारी कुमार रवि का कहना है कि जिन-जिन इलाकों में वाटर बोटलिंग प्लांट लगे हुए हैं, वहां संबंधित अभियंता को वाटर लेवल की जांच के आदेश दिए गए हैं. जिन इलाकों में प्लांट की वजह से वाटर लेवल में कमी पाई जाएगी, वहां कार्रवाई की जाएगी.

जल संकट को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदम
बढ़ते जल संकट को देखते हुए सरकार की ओर से जल शक्ति कार्यक्रम के तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें प्रखंड स्तर पर वाटर रिचार्ज के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की गई है. वहीं सरकारी भवनों पर वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा. साथ ही आहिर, पाइन और तालाबों के माध्यम से पानी को संग्रह करने की योजना पर काम किया जा रहा है.

पटना: सरकार लगातार आमलोगों से पानी के संरक्षण की अपील कर रही है, लेकिन यह अपील केवल खानापूर्ति लग रही है. मिनरल वाटर के दर्जनों प्लांट शहर में धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिसकी सरकार को कोई खबर नहीं है. इस बारे में जब पटना के जिलाधिकारी से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो तो उन्होंने भी कुछ नहीं बताया.

रोजाना लाखों लीटर भू-जल का दोहन
शहर हो या गांव मिनरल वाटर का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते बाजार को देखते हुए धड़ल्ले से मिनरल वाटर के कई प्लांट लगाए जा रहे हैं. इनसे रोजाना लाखों लीटर भू-जल का दोहन किया जा रहा है. सरकार भले हीं आने वाले समय में पानी के संकट से बचाव के लिए अभियान चलाने की बात कह रही है. लेकिन, वाटर प्लांट के द्वारा हो रहे भू-जल के दोहन से सरकार बिल्कुल अंजान है.

पटना में हो रहे पानी के दोहन से बेखबर है सरकार

क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
जिलाधिकारी कुमार रवि का कहना है कि जिन-जिन इलाकों में वाटर बोटलिंग प्लांट लगे हुए हैं, वहां संबंधित अभियंता को वाटर लेवल की जांच के आदेश दिए गए हैं. जिन इलाकों में प्लांट की वजह से वाटर लेवल में कमी पाई जाएगी, वहां कार्रवाई की जाएगी.

जल संकट को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदम
बढ़ते जल संकट को देखते हुए सरकार की ओर से जल शक्ति कार्यक्रम के तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें प्रखंड स्तर पर वाटर रिचार्ज के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की गई है. वहीं सरकारी भवनों पर वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा. साथ ही आहिर, पाइन और तालाबों के माध्यम से पानी को संग्रह करने की योजना पर काम किया जा रहा है.

Intro:भूजल के लगातार गिरते स्तर को लेकर सरकार और आमलोग की चिंताए यह बताते को काफी है की आने वाले दिनों में पानी को लेकर क्या हालात होने वाला है..वही सरकार लगातार आमलोगों से पानी का संरक्षण करने की अपील कर रहा है..लेकिन सरकार की यह अपील केवल खानापूर्ति लगा रही है..क्योंकि मिनरल वाटर के दर्जनों प्लांट शहर में धड़ले से चल रहे है और सरकार बेखबर है।


Body:शहर हो या गॉव तेजी से मिनरल वाटर का प्रचलन बढ़ता जा रहा है..वही इस बढ़ते बाजार को देखते हुए धड़ले से मिनरल वाटर का प्लांट भी लगाया जा रहा है और इन प्लांटो से रोजाना लाखों मीटर भूजल का दोहन किया जा रहा है..लेकिन सरकार इन सब से अंजान है।

बढ़ते जल संकट को देखते हुए सरकार जल शक्ति कार्यक्रम के तहत वाटर रिचार्ज करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे है..जिसमें प्रखंड स्तर पर कई तरह के योजनाएं शुरू किए गए..वही सरकार भवनों पर वाटर हारबेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा गया...साथ ही आहिर,पाइन और तालाबों के माध्यम से पानी को संग्रह करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

सरकार आने वाले दिनों में पानी संकट को देखते हुए भले ही इसके बचाओ के लिए अभियान चलने की बात कह रही हो..लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और है...राजधानी पटना में धड़ल्ले बढ़ते पानी कारोबार को लेकर अनजान है..जिलाधिकारी कुमार रवि से जब ईटीवी भारत ने सवाल पूछा की पटना जिला में कितने वाटर बोटलिंग की कंपनियां है..और क्या कुछ इसके कैटेरिया है..तो उन्होंने ना तो कंपनियों की संख्या बताई और ना ही कैटेरिया के बारे में बताया..

वही जिलाधिकारी कुमार रवि यह कहते हुए इस मामले से निकलते हुए कहा की वाटर बोटलिंग प्लांट जहां भी है उस इलाके के संबंधित अभियंता को वाटर टेबल की जांच के आदेश दिए गए है..ताकि यह पता चल सके इससे कही आम लोगो को समस्या का सामना ना करना पड़े।



Conclusion:
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