पटना: सरकार लगातार आमलोगों से पानी के संरक्षण की अपील कर रही है, लेकिन यह अपील केवल खानापूर्ति लग रही है. मिनरल वाटर के दर्जनों प्लांट शहर में धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिसकी सरकार को कोई खबर नहीं है. इस बारे में जब पटना के जिलाधिकारी से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो तो उन्होंने भी कुछ नहीं बताया.
रोजाना लाखों लीटर भू-जल का दोहन
शहर हो या गांव मिनरल वाटर का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते बाजार को देखते हुए धड़ल्ले से मिनरल वाटर के कई प्लांट लगाए जा रहे हैं. इनसे रोजाना लाखों लीटर भू-जल का दोहन किया जा रहा है. सरकार भले हीं आने वाले समय में पानी के संकट से बचाव के लिए अभियान चलाने की बात कह रही है. लेकिन, वाटर प्लांट के द्वारा हो रहे भू-जल के दोहन से सरकार बिल्कुल अंजान है.
क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
जिलाधिकारी कुमार रवि का कहना है कि जिन-जिन इलाकों में वाटर बोटलिंग प्लांट लगे हुए हैं, वहां संबंधित अभियंता को वाटर लेवल की जांच के आदेश दिए गए हैं. जिन इलाकों में प्लांट की वजह से वाटर लेवल में कमी पाई जाएगी, वहां कार्रवाई की जाएगी.
जल संकट को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदम
बढ़ते जल संकट को देखते हुए सरकार की ओर से जल शक्ति कार्यक्रम के तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें प्रखंड स्तर पर वाटर रिचार्ज के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की गई है. वहीं सरकारी भवनों पर वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा. साथ ही आहिर, पाइन और तालाबों के माध्यम से पानी को संग्रह करने की योजना पर काम किया जा रहा है.