पटना: किसानों को लेकर राज्य सरकार और बिजली विभाग जिस तरह से वादा कर रही है. खेती करने के लिए अलग से कनेक्शन देने की जो बातें कही जा रही है, साथ ही किसानों को कितना लाभ मिल पा रहा है. इसकी पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम छपरा के ग्रामीण क्षेत्र में पहुंची, तो किसानों ने हैरान परेशान करने वाली बात कही.
आज भी कई गांव और पंचायत ऐसे हैं जहां सिंचाई के लिए बिजली तक किसानों को नहीं मिल रही है. किसान पूरी तरह से अपने खेतों के पटवन करने के लिए चिंतित हैं. लेकिन विभाग के लोग मनमाने तरीके से उनके बातों की अनसुनी कर रहे हैं.
"कई तरह की स्कीम की घोषणाएं करती है. लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है. जो ऐप बिहार सरकार ने जारी किया है. वह सही से काम नहीं करता है. इसके अलावा बिजली विभाग के अधिकारी भी मन मुताबिक काम करते हैं, किसानों को सही मायने में कोई लाभ सरकार की तरफ से नहीं मिल पा रहा है": केडी यादव, किसान
'विभागीय लापरवाही के चलते इस तरह का खेल खेला जा रहा है. सरकारी योजना का आज तक वंचित रखा जा गया है. जिसके चलते उन्होंने कई बार विभागीय चक्कर भी लगानी पड़ रही है'.ओमकार नाथ राम, किसान
बता दें कि बिहार में किसानों के खेत में पानी पहुंचाने के लिए अलग से फीडर का निर्माण किया जाना था, जिससे मात्र 75 पैसे प्रति यूनिट के दर से किसानों को पटवन के लिए बिजली दोने की योजना थी. लेकिन अभी तक बिहार के कई गांवों में किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है. इस कारण किसान पेरशान है.
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बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र यादव ने कहा कि जो भी किसान हो. उनको इसका लाभ मिलेगा. इसमें कोई कोताही नही बरती जा रही. भले वो गन्ना किसान, हों या धान उपजाने वाले किसान हों. सभी किसानों को नियम के अनुसार इस योजना का लाभ मिलेगा.
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ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल में पाया कि किसान आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में डीजल पंपसेट से ही अपने खेतों में पटवन करते नजर आ रहे हैं. हालांकि, किसानों पर सरकार खूब राजनीति करती है. लेकिन किसानों की जो वास्तविक स्थिति है. वह बहुत ही खराब है.
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बता दें कि बिहार में किसानों को खेती करने के लिए बिजली विभाग खेतों तक अलग से बिजली कनेक्शन पहुंचाने का जिम्मा लिया है, जिससे कि किसान अपने पंप सेट को बिजली से चला कर पटवन कर सकते है. ग्रामीण क्षेत्र में आज भी किसान खेती करने के लिए डीजल पंप सेट का उपयोग करते हैं और डीजल की कीमतों में बढोतरी होने के कारण किसानों को पटवन करने के लिए अधिक पैसा लगाना होता है. वहीं, बिजली विभाग अब किसानों के खेत तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. लेकिन विभाग की यह योजना अभी तक धरातल पर नहीं है.