पटना: बिहार में निजी बसों का किराया 15 मार्च से ही बढ़ चुका है, लिहाजा अब सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी बसों के किराये में भी बढ़ोतरी होगी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि पिछले कई सालों से सरकारी बसों का किराया नहीं बढ़ा है.
बिहार में निजी बसों ने डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर 14 मार्च की मध्य रात्रि बस किराए में बढ़ोतरी कर दी. इधर बिहार के सरकारी बसों का किराया पिछले कई सालों से रिवाइज नहीं हुआ है. बिहार में डीजल से 360 सरकारी बसों का परिचालन अभी हो रहा है.
बढ़ सकता है सरकारी बसों का किराया
खबर है कि निजी बसों का किराया बढ़ने के बाद सरकारी बसों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने परिवहन विभाग को दिया है. हालांकि परिवहन निगम के अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में आखिरी फैसला परिवहन विभाग को लेना है. बता दें कि राज्य पथ परिवहन निगम के अधीन चलने वाली सरकारी बसों के किराए में वृद्धि का फैसला किराया निर्धारण कमेटी करती है.
ये भी पढ़ें- पटना जंक्शन पर कोरोना नियमों का नहीं हो रहा है पालन, यात्री बेखौफ, रेलवे प्रशासन सुस्त
दरअसल, पिछले कुछ महीनों में डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है. इसके अलावा टोल टैक्स में भी 1 अप्रैल से वृद्धि हुई है. वहीं बसों के रखरखाव पर भी परिवहन निगम का खर्च बढ़ा है. यही वजह है कि सरकारी बस का किराया भी बढ़ाने की तैयारी हो रही है.