पटना: राजधानी पटना के एम्स सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका आयोजन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद ने सयुंक्त रूप से किया. कार्यशाला का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने किया.
14 राज्य के शिक्षाविदों ने लिया भाग
इस कार्यशाला में 14 राज्यों के विश्वविद्यालयों से आये शिक्षाविदों ने भाग लिया. कार्यशाला में नई शिक्षा नीति पर गंभीरता से विचार विमर्श हुआ. महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति बनाने के लिए एक समिति बनाई गई थी. समिति ने एमएचआरडी मंत्रालय को नई शिक्षा नीति का प्रारूप सौंप दिया है. हालांकि मंत्रालय इसमें सुधार की संभावना पर सभी स्टेक होल्डर से राय जानना चाहती है.
1986 में बनी थी पहली शिक्षा नीति
कुलपति ने बताया कि गहनता से विचार विमर्श कर नई शिक्षा नीति के प्रारूप में शामिल करने की कोशिश होगी. उन्होंने बताया कि 1986 में पहली शिक्षा नीति बनी थी. इसके बाद अब नई शिक्षा नीति बनी है. इसमें नयी चीजों को जोड़ने पर गहनता से विचार किया जा रहा है. सभी शिक्षाविदों की राय जानने के बाद महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना प्रतिवेदन मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपेंगा.
हर पहलू पर गहनता से हो चर्चा
इस मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला. शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि नए भारत का निर्माण हो रहा है. इसमें शिक्षा का बड़ा हाथ है. शिक्षा के कारण ही आज हम दलित और इसके कारण ही पहले जगतगुरु कहलाते थे. राज्यपाल ने आधुनिक तकनीक और प्राचीन सूत्र को मिलाकर चलने की सलाह दी. राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के हर पहलू पर गहनता से चर्चा करने पर जोर दिया.