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बिहार का ऐसा इकलौता मंदिर जहां 9 रूपों में विराजमान हैं मां दुर्गा, सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी - दुर्गा पूजा बिहार

क्षेत्र के लोगों ने बताया कि यह बिहार का एकमात्र ऐसा मंदिर है. जहां देवी दुर्गा सभी 9 रूपों में एक साथ विराजमान हैं. यह मंदिर पटना से महज 35 किमी की दूरी पर विक्रम में स्थित है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु मां काली का दर्शन करने के लिए आते हैं.

मां दक्षिणेश्वरी मंदिर विक्रम
मां दक्षिणेश्वरी मंदिर विक्रम
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Published : Oct 26, 2020, 12:30 PM IST

पटना: दशहरा हिंदू धर्म के लिए काफी महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. लेकिन इस साल कोरोना और बिहार चुनाव को लेकर जारी सरकारी गाइडलाइन के कारण दुर्गा पूजा मेले में वह रंग देखने को नहीं मिला. जो पिछले साल देखने को मिला था. कुछ ऐसा ही हाल पटना से 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित विक्रम के मां दक्षिणेश्वरी मंदिर में देखने को मिला. अमूनन श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहने वाला मंदिर परिसर में इस साल वह रंगत देखने को नहीं मिला, जिसके लिए यह मंदिर जाना जाता है.

9 रूपों में विराजमान मां दुर्गा
मां दुर्गा के 9 रूपों में विराजमान

हर मनोकामना होती है पूरी
इलाके के जानकार लोगों ने बताया कि मां दक्षिणेश्वरी मंदिर बिहार में एकमात्र मंदिर है. जहां मां दुर्गा के सभी 9 रूप एक साथ विराजमान हैं. इस मंदिर में दूरदराज से लोग अपनी मनोकामना लिए मां अंबे के दर पर अपनी अर्जी लगाते हैं. नवरात्र के समय इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. हालांकि सरकारी गाइडलाइन के कारण इस साल मंदिर में एहतियात बरतते हुए पूजा-पाठ की गई.

ईटीवी भारत के लिए पटना से निशांत की रिपोर्ट

मंदिर के प्रधान पुजारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस साल मां की पूजा आराधना शांति में संपन्न हुआ. लेकिन यह खेद की बात है कि दूर-दराज के उपासक मां दक्षिणेश्वरी की आराधना नहीं कर सके. पुजारी ने आगे कहा कि उन्होंने मां काली से विश्व से कोरोना संकट का दूर करने की मन्नत मांगी है. वहीं, वे मंदिर के लिए जारी सरकारी गाइडलाइन से नाराज भी नजर आए. मंदिर के पुजारी ने कहा कि चुनावी सभाओं के लिए किसी तरह की कोई नियम धरातल पर नहीं दिख रही है. लेकिन मंदिर के लिए सख्त और कठोर नियम बनाए गए हैं.

9 रूप में एक साथ विराजमान हैं देवी मां
बता दें कि मंदिर तीन मंजिला इमारत का बना हुआ है. यह बिहार में इकलौता ऐसा मंदिर है जहां 10 महाविद्या के स्वरूप में मां काली विराजमान हैं. मंदिर के निचले तले पर मां दक्षिणेश्वरी काली के रूप में, प्रथम तल्ले पर 10 महाविद्या काली की प्रतिमा विराजमान है. वहीं, दूसरे तले पर मां दुर्गा के नौ रूप में प्रतिमा विराजमान हैं.

पटना: दशहरा हिंदू धर्म के लिए काफी महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. लेकिन इस साल कोरोना और बिहार चुनाव को लेकर जारी सरकारी गाइडलाइन के कारण दुर्गा पूजा मेले में वह रंग देखने को नहीं मिला. जो पिछले साल देखने को मिला था. कुछ ऐसा ही हाल पटना से 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित विक्रम के मां दक्षिणेश्वरी मंदिर में देखने को मिला. अमूनन श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहने वाला मंदिर परिसर में इस साल वह रंगत देखने को नहीं मिला, जिसके लिए यह मंदिर जाना जाता है.

9 रूपों में विराजमान मां दुर्गा
मां दुर्गा के 9 रूपों में विराजमान

हर मनोकामना होती है पूरी
इलाके के जानकार लोगों ने बताया कि मां दक्षिणेश्वरी मंदिर बिहार में एकमात्र मंदिर है. जहां मां दुर्गा के सभी 9 रूप एक साथ विराजमान हैं. इस मंदिर में दूरदराज से लोग अपनी मनोकामना लिए मां अंबे के दर पर अपनी अर्जी लगाते हैं. नवरात्र के समय इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. हालांकि सरकारी गाइडलाइन के कारण इस साल मंदिर में एहतियात बरतते हुए पूजा-पाठ की गई.

ईटीवी भारत के लिए पटना से निशांत की रिपोर्ट

मंदिर के प्रधान पुजारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस साल मां की पूजा आराधना शांति में संपन्न हुआ. लेकिन यह खेद की बात है कि दूर-दराज के उपासक मां दक्षिणेश्वरी की आराधना नहीं कर सके. पुजारी ने आगे कहा कि उन्होंने मां काली से विश्व से कोरोना संकट का दूर करने की मन्नत मांगी है. वहीं, वे मंदिर के लिए जारी सरकारी गाइडलाइन से नाराज भी नजर आए. मंदिर के पुजारी ने कहा कि चुनावी सभाओं के लिए किसी तरह की कोई नियम धरातल पर नहीं दिख रही है. लेकिन मंदिर के लिए सख्त और कठोर नियम बनाए गए हैं.

9 रूप में एक साथ विराजमान हैं देवी मां
बता दें कि मंदिर तीन मंजिला इमारत का बना हुआ है. यह बिहार में इकलौता ऐसा मंदिर है जहां 10 महाविद्या के स्वरूप में मां काली विराजमान हैं. मंदिर के निचले तले पर मां दक्षिणेश्वरी काली के रूप में, प्रथम तल्ले पर 10 महाविद्या काली की प्रतिमा विराजमान है. वहीं, दूसरे तले पर मां दुर्गा के नौ रूप में प्रतिमा विराजमान हैं.

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