पटना: राजधानी में महिलाओं को सुरक्षा देने के नाम पर बड़े तामझाम के साथ जिले के 6 महिला कॉलेजों में डीजीपी ने शिकायत पेटी लगवाया. यह शिकायत पेटी बीते 4 जून 2019 को लगाया गया था. लेकिन इतने दिनों बाद भी इसमें एक भी शिकायत पत्र नहीं दिख रहा है.
- कंप्लेन लेटर में मोबाइल नंबर भी दर्ज करवानी पड़ती है. साथ ही पूरा पता भी लिखना होता है. इसी कारण से लड़कियां कंप्लेन करने से हिचकती हैं.
- छात्राओं को डर है कि इसकी शिकायत अभिभावकों को होगी तो शायद कॉलेज जाना बंद करा दें.
- कंप्लेन नहीं करने का एक कारण यह भी है कि लड़कियों में जागरूकता की कमी है.
- पुलिस की कम सक्रिय रहने के कारण लड़िकयों को पुलिस पर भरोसा नहीं है. इसी कारण से भी कंप्लेन लेटर नहीं डाले जाते हैं.
कैसे होती है कार्रवाई
महिला कॉलेजों में लगे डीजीपी शिकायत पेटी में आए कंप्लेन पर कार्रवाई महिला थाना अध्यक्ष के द्वारा कॉलेजों में ही की जाती है. कार्रवाई के दौरान उनके साथ एक पुलिस ऑफिसर भी होते हैं. शिकायत पेटी में जमा सभी कंप्लेंट को पुलिस द्वारा रजिस्टर किया जाता है. फिर उस मामले पर कार्रवाई की जाती है.
सिविल ड्रेस में सुरक्षा देने की अपील
वहीं, इस मामले पर मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शशि रानी ने बताया कि पुलिस के कम सक्रिय होने के कारण लड़कियों को उनके उपर भरोसा नहीं है. साथ ही लड़कियों के बीच जागरूकता की भी कमी है. उन्होंने पुलिस से लड़कियों को सिविल ड्रेस में सुरक्षा देने की अपील की. प्राचार्य ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अभी के समय में राह चलती लड़कियों के साथ ही नहीं ऑटो से आने-जाने वाली लड़कियों के साथ भी छेड़छाड़ की घटना ज्यादा बढ़ गयी हैं. ऐसा करने वाले अधिकतर 40 साल उम्र के या उससे ज्यादा उम्र के लोग होते हैं. इस कारण से लड़कियां विरोध भी नहीं करती क्योंकि आस-पास के लोग उनके उम्र को देखकर उसके सपोर्ट में आ जाते है. उलटे लड़कियों के ऊपर ही आरोप लगा दिया जाता है.