पटनाः गिरिराज सिंह के राजनीति से संन्यास वाले बयान ने बिहार के सियासी गलियारे में सरगर्मी बढ़ा दी है. वहीं, बयान को लेकर पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर बयानबाजी करने से नहीं चूक रहें हैं. बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने गिरिराज सिंह के राजनीति से संन्यास लेने वाले बयान को उनका निजी बयान बताया है. प्रवक्ता ने कहा कि कुछ लोग राजनीति में कुछ मकसद लेकर आते हैं और उसी मकसद के लिए राजनीति करते हैं. उनके बयान पर तंज कसनेवाले जदयू प्रवक्ता को नसीहत देते हुए कहा कि वो भी तो अपना बयान मीडिया में ही देते है. अगर गिरिराज सिंह ने मीडिया से कुछ कहा है तो इसमें क्या गलत है?
क्या है मामला?
दरअसल केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने हाल ही में मीडिया के माध्यम से राजनीति से संन्यास लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक पारी अब समाप्त होने वाली है. वे राजनीति में जो करना चाहते थे वह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा कर दिया. सिंह ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाना मेरा मकसद था. जिसे मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही पूरा कर दिया.
अश्विनी चौबे के बयान को बताया सही
एक सवाल के जवाब में नवल किशोर यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अगर पुलिसकर्मियों पर भड़के हैं, तो इसमें क्या गलत है? उन्होंने कहा कि अगर कोई पदाधिकारी सही ढंग से जनता का काम नहीं कर रहा है, तो मंत्री कुछ कहते हैं या उस पदाधिकारी को नसीहत देते हैं तो प्रतिपक्ष को क्यों मिर्ची लगती है? वो अपना दिन क्यूं नहीं याद करते जब उनकी सरकार थी तो बिहार में क्या- क्या होता है. साथ ही विपक्ष को इसपर राजनीति न करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी नौकरशाह कुछ गलत करता है, तो जनप्रतिनिधि जरूर इसपर बोलेंगे. इसमें विपक्ष को दर्द क्यों हो रहा है?