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आयुर्वेद में अमृत माना जाता है 'गिलोय', जापानी बुखार और डेंगू के इलाज के लिए है 'रामबाण'

गिलोय का आयुर्वेद में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. भारत में इसकी बहुत मार्केटिंग हो रही है. सरकार ने इसे राष्ट्रीय औषधि के रूप में भी घोषित किया है.

गिलोय की पत्तियां
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Published : Jul 4, 2019, 10:54 AM IST

पटनाः बिहार में मॉनसून दस्तक दे चुका है. इसके साथ ही बारिश जनित रोगों का संक्रमण भी बढ़ गया है. ऐसे में जापानी बुखार और डेंगू के इलाज के लिए रामबाण के रूप में गिलोय की खासी चर्चा हो रही है, पिछले साल भी डेंगू के इलाज में गिलोय के प्रति लोगों का खासा आकर्षण देखने को मिला था.

आईये ईटीवी भारत पर जानते हैं गिलोय के आयुर्वेदिक गुण:--

अमृत के समान है गिलोय की पत्तियां

गिलोय या गड़ुची जिस का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, आयुर्वेद में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. इसके खास गुणों के कारण ही इसे अमृत के समान समझा जाता है. इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है, प्राचीन काल से ही इन पत्तियों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में एक खास तत्व के रूप में किया जाता है, गिलोय की पत्तियां और तना निकालकर इस्तेमाल में लाई जाती है, गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर के रूप में माना जाता है, यह तैलीय होने के साथ-साथ स्वाद में कड़वा होता है.

GILOY
गिलोय की पत्तियां

क्या है गिलोय की पत्तियों की खासियत...

  • आयुर्वेद में गिलोय को कहा जाता है अमृत
  • गिलोय में है विभिन्न रोगों के उपचार के गुण
  • जापानी बुखार एवं डेंगू के इलाज में है रामबाण,
  • इसमें सूजन, शुगर और गठिया रोग से लड़ने की है शक्ति
  • खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोगों के इलाज में भी कारगर
  • गिलोय के इस्तेमाल से दमा और खांसी में भी होता है फायदा
  • इसे सरकार ने राष्ट्रीय औषधि के रूप में घोषित किया है.
    GILOY
    जानकारी देते प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद

लिवर और किडनी के लिए भी फायदेमंद
इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एक्जिमा और सोरायसिस दूर किए जा सकते हैं, इसमें सूजन कम करने के गुण के कारण या गठिया और अर्थराइटिस के बचाव में अत्यधिक लाभकारी है. गिलोय पाउडर कोर्ट की समान मात्रा और गुग्गुल के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से इन बीमारियों में काफी लाभ मिलता है. यह शरीर में अति आवश्यक सफेद सेल की कार्य करने की क्षमता को बढ़ाती है शरीर के लिवर और किडनी को सुरक्षित रखता है. जापानी बुखार में यह बहुत ही कारगर है. डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के लिए यह काफी लाभप्रद है.

स्पेशल रिपोर्ट

भारत में इसकी अच्छी मार्केटिंग
गिलोय एडेप्टोजेनिक हाईवे यह मानसिक दबाव और चिंता को दूर करने में अत्यधिक लाभकारी है. गिलोय चूर्ण को अश्वगंधा और शतावरी के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से स्मरण शक्ति और शरीर के अन्य गुणों को बढ़ाता है. अपने अनगिनत गुणों के साथ गिलोय सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है. राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के प्रधानाचार्य प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद की मानें तो गिलोय की भारत में बहुत बड़ी मार्केटिंग हो रही है. इसे दवा के रूप में बनाकर महंगे दामों में बेचा जा रहा है.

पटनाः बिहार में मॉनसून दस्तक दे चुका है. इसके साथ ही बारिश जनित रोगों का संक्रमण भी बढ़ गया है. ऐसे में जापानी बुखार और डेंगू के इलाज के लिए रामबाण के रूप में गिलोय की खासी चर्चा हो रही है, पिछले साल भी डेंगू के इलाज में गिलोय के प्रति लोगों का खासा आकर्षण देखने को मिला था.

आईये ईटीवी भारत पर जानते हैं गिलोय के आयुर्वेदिक गुण:--

अमृत के समान है गिलोय की पत्तियां

गिलोय या गड़ुची जिस का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, आयुर्वेद में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. इसके खास गुणों के कारण ही इसे अमृत के समान समझा जाता है. इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है, प्राचीन काल से ही इन पत्तियों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में एक खास तत्व के रूप में किया जाता है, गिलोय की पत्तियां और तना निकालकर इस्तेमाल में लाई जाती है, गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर के रूप में माना जाता है, यह तैलीय होने के साथ-साथ स्वाद में कड़वा होता है.

GILOY
गिलोय की पत्तियां

क्या है गिलोय की पत्तियों की खासियत...

  • आयुर्वेद में गिलोय को कहा जाता है अमृत
  • गिलोय में है विभिन्न रोगों के उपचार के गुण
  • जापानी बुखार एवं डेंगू के इलाज में है रामबाण,
  • इसमें सूजन, शुगर और गठिया रोग से लड़ने की है शक्ति
  • खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोगों के इलाज में भी कारगर
  • गिलोय के इस्तेमाल से दमा और खांसी में भी होता है फायदा
  • इसे सरकार ने राष्ट्रीय औषधि के रूप में घोषित किया है.
    GILOY
    जानकारी देते प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद

लिवर और किडनी के लिए भी फायदेमंद
इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एक्जिमा और सोरायसिस दूर किए जा सकते हैं, इसमें सूजन कम करने के गुण के कारण या गठिया और अर्थराइटिस के बचाव में अत्यधिक लाभकारी है. गिलोय पाउडर कोर्ट की समान मात्रा और गुग्गुल के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से इन बीमारियों में काफी लाभ मिलता है. यह शरीर में अति आवश्यक सफेद सेल की कार्य करने की क्षमता को बढ़ाती है शरीर के लिवर और किडनी को सुरक्षित रखता है. जापानी बुखार में यह बहुत ही कारगर है. डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के लिए यह काफी लाभप्रद है.

स्पेशल रिपोर्ट

भारत में इसकी अच्छी मार्केटिंग
गिलोय एडेप्टोजेनिक हाईवे यह मानसिक दबाव और चिंता को दूर करने में अत्यधिक लाभकारी है. गिलोय चूर्ण को अश्वगंधा और शतावरी के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से स्मरण शक्ति और शरीर के अन्य गुणों को बढ़ाता है. अपने अनगिनत गुणों के साथ गिलोय सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है. राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के प्रधानाचार्य प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद की मानें तो गिलोय की भारत में बहुत बड़ी मार्केटिंग हो रही है. इसे दवा के रूप में बनाकर महंगे दामों में बेचा जा रहा है.

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आयुर्वेद में गिलोय को कहा जाता है अमृत,
गिलोय मे है विभिन्न रोगों के उपचार के गुण,इसलिए इसे सरकार ने राष्ट्रीय औषधि के रूप मे किया है घोषित,
जापानी बुखार एवं डेंगू के ईलाज मे है रामबाण, आईये ईटीवी भारत पर जानते है गिलोय के आयुर्वेदि गुण:----


Body:बिहार में मानसून दस्तक दे चुका है और मानसून के दस्तक देते ही बारिश जनित रोगों का संक्रमण भी बढ़ गया है ऐसे में जापानी बुखार और डेंगू के इलाज में रामबाण के रूप में गिलोय का खासा चर्चा रहा है, पिछले बार डेंगू के इलाज में गिलोय के प्रति लोगों को खासा आकर्षण देखने को मिला है,
गिलोय या गड़ुची जिस का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान है इसके खास गुणों के कारण इस अमृत के समान समझा जाता है और इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है, प्राचीन काल से ही इन पत्तियों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में एक खास सत्व के रूप में किया जाता है, गिलोय की पत्तियों और तना निकालकर इस्तेमाल में लाया जाता है, गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर के रूप में माना जाता है, यह तैलीय होने के साथ-साथ स्वाद में कड़वा होता है, गिलोय के गुणों की संख्या काफी बडी है इस में सूजन कम करने, शुगर को नियंत्रित करने, गठिया रोग से लड़ने के अलावा शरीर शोधन के भी गुण होते हैं, गिलोय के इस्तेमाल से सांस संबंधित रोग जैसे दमा और खांसी में फायदा होता है, इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एक्जिमा और सोरायसिस दूर किए जा सकते हैं, इसे खून की कमी और पीलिया और कुष्ठ रोगों के इलाज में भी कारगर माना जाता है, सूजन कम करने के गुण के कारण या गठिया और अर्थराइटिस के बचाव में अत्यधिक लाभकारी हैं गिलोय पाउडर कोर्ट की समान मात्रा और गूगल के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से इन बीमारियों में काफी लाभ मिलता है इसके ताजी पत्तियों से जूस बनाकर पीने से काफी शरीर में बढ़ती है आयुर्वेद के हिसाब से आने वाले तत्व के रूप में कार्य करता है यह शरीर में अति आवश्यक सफेद सेल की कार्य करने की क्षमता को बढ़ाती है शरीर के लिवर और किडनी को सुरक्षित रखता है जापानी बहुत ही कारगर है डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी में को बढ़ाता है


Conclusion:गिलोय एडेप्टोजेनिक हाईवे यह मानसिक दबाव और चिंता को दूर करने वाली उपयोग अत्यधिक लाभकारी है गिलोय चूर्ण को अश्वगंधा और शतावरी के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से या दात शक्ति और शरीर के अन्य गुणों को बढ़ाता है अपने अनगिनत गुणों के साथ गिलोय सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के प्रधानाचार्य प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद की माने तो गिलोय अब भारत में इसकी बहुत बड़ी मार्केटिंग हो रही है इस दवा के रूप में बनाकर महंगी रूप में बेची जा रही है




बाईट--डॉ प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद
प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिकॉलेज अस्पताल
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