पटनाः बिहार में मॉनसून दस्तक दे चुका है. इसके साथ ही बारिश जनित रोगों का संक्रमण भी बढ़ गया है. ऐसे में जापानी बुखार और डेंगू के इलाज के लिए रामबाण के रूप में गिलोय की खासी चर्चा हो रही है, पिछले साल भी डेंगू के इलाज में गिलोय के प्रति लोगों का खासा आकर्षण देखने को मिला था.
आईये ईटीवी भारत पर जानते हैं गिलोय के आयुर्वेदिक गुण:--
अमृत के समान है गिलोय की पत्तियां
गिलोय या गड़ुची जिस का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, आयुर्वेद में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. इसके खास गुणों के कारण ही इसे अमृत के समान समझा जाता है. इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है, प्राचीन काल से ही इन पत्तियों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में एक खास तत्व के रूप में किया जाता है, गिलोय की पत्तियां और तना निकालकर इस्तेमाल में लाई जाती है, गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर के रूप में माना जाता है, यह तैलीय होने के साथ-साथ स्वाद में कड़वा होता है.
क्या है गिलोय की पत्तियों की खासियत...
- आयुर्वेद में गिलोय को कहा जाता है अमृत
- गिलोय में है विभिन्न रोगों के उपचार के गुण
- जापानी बुखार एवं डेंगू के इलाज में है रामबाण,
- इसमें सूजन, शुगर और गठिया रोग से लड़ने की है शक्ति
- खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोगों के इलाज में भी कारगर
- गिलोय के इस्तेमाल से दमा और खांसी में भी होता है फायदा
- इसे सरकार ने राष्ट्रीय औषधि के रूप में घोषित किया है.
लिवर और किडनी के लिए भी फायदेमंद
इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एक्जिमा और सोरायसिस दूर किए जा सकते हैं, इसमें सूजन कम करने के गुण के कारण या गठिया और अर्थराइटिस के बचाव में अत्यधिक लाभकारी है. गिलोय पाउडर कोर्ट की समान मात्रा और गुग्गुल के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से इन बीमारियों में काफी लाभ मिलता है. यह शरीर में अति आवश्यक सफेद सेल की कार्य करने की क्षमता को बढ़ाती है शरीर के लिवर और किडनी को सुरक्षित रखता है. जापानी बुखार में यह बहुत ही कारगर है. डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के लिए यह काफी लाभप्रद है.
भारत में इसकी अच्छी मार्केटिंग
गिलोय एडेप्टोजेनिक हाईवे यह मानसिक दबाव और चिंता को दूर करने में अत्यधिक लाभकारी है. गिलोय चूर्ण को अश्वगंधा और शतावरी के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से स्मरण शक्ति और शरीर के अन्य गुणों को बढ़ाता है. अपने अनगिनत गुणों के साथ गिलोय सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है. राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के प्रधानाचार्य प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद की मानें तो गिलोय की भारत में बहुत बड़ी मार्केटिंग हो रही है. इसे दवा के रूप में बनाकर महंगे दामों में बेचा जा रहा है.